कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव इन दिनों सुर्खियों में है. इसमें दो लोगों के बीच कड़ी टक्कर है. अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे आमने-सामने हैं. ऐसे में अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले आजतक से खास बातचीत में शशि थरूर चुनाव के साथ ही कांग्रेस को फिर से खड़ा करने की योजना तक, हर पहलू पर बेबाकी से अपनी राय रखी.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने आजतक से बात करते हुए कहा कि दो दशक से पार्टी में कोई चुनाव नहीं हुए. उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 20 साल से कोई पार्लियामेंट्री कमेटी भी नहीं है. थरूर ने कहा कि पार्टी को अब नवीनीकरण की जरूरत है.
कांग्रेस की मजबूती के लिए है चुनाव
शशि थरूर से जब पूछा गया कि क्या वे चुनाव जीतेंगे? तो उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी जीते, यह चुनाव कांग्रेस की मजबूती के लिए है. कारवां बन रहा है, Delegates बहुत दिलचस्पी दिखा रहे हैं और वे चाहते हैं कि इस चुनाव में वो लोग भाग लें. साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो यह तक कह रहे हैं कि थरूर साहब के पास मत जाना, गांधी परिवार संतुष्ट नहीं होगा. शशि थरूर ने कहा कि यह सही नहीं है. हमारी इलेक्शन अथॉरिटी ने भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी ने ऐसे कहा कि कोई उम्मीदवार है तो यह सही नहीं है. दो बार उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है. तो अंत में मैं किसका भरोसा करूं.
लोगों में है इस बात का डर
शशि थरूर ने आगे कहा कि कई लोगों को डर है कि अगर हमें समर्थन देंगे तो उनको टारगेट किया जाएगा. अगर ऐसे लोग पार्टी में हैं जो मुझे समर्थन देना चाहते हैं लेकिन उनको डर है कि उनको टारगेट किया जाएगा तो ऐसा नहीं है. नेतृत्व ने मुझे आश्वासन दिया है कि निष्पक्ष चुनाव से ही अध्यक्ष का चयन होगा.
2024 तक बदलेगा कांग्रेस का स्वरूप?
शशि थरूर ने कहा कि मैं परिवर्तन के लिए खड़ा हुआ और एक मेनिफेस्टो भी पब्लिश किया है. कांग्रेस की मजबूती के लिए खड़ा हूं. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नया वोट चाहिए. जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया, हमें दिखाना होगा कि कांग्रेस भी बदली है. यह एक नई कांग्रेस है. नई कांग्रेस समर्थन मांग रही है.
साथ ही थरूर ने यह भी कहा कि कांग्रेस को लेकर जनता में डाउट है. बेरोजगारी है, महंगाई है, आपको जनता तक जाना होगा, उनको बताना होगा कि जो वादे हुए वह पूरे हुए कि नहीं हुए. लेकिन लगातार वह लोग भी पूछ रहे हैं. क्या मैं कांग्रेस को वोट दे सकता हूं या नहीं? थरूर ने कहा कि हमें जनता को आश्वासन देना होगा. हमें बीजेपी की चुनौती का सामना करने के लिए जनता के बीच जाना होगा.
सबकुछ दिल्ली में ही होता है तय
शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस में सब कुछ दिल्ली में तय हो रहा है. वे बोले कि कार्यकर्ताओं का सम्मान होना चाहिए. पावर का विकेंद्रीकरण होना चाहिए. आजकल यह प्रश्न बन गया कि सबकुछ दिल्ली में तय हो रहा है और लोगों को पता भी नहीं है कि किससे बात करनी चाहिए. पहले तो पार्टी बहुत अच्छी चली है. लेकिन एक नई एनर्जी की जरूरत है. कांग्रेस कार्यसमिति में चुनाव नहीं हुआ. पार्लियामेंट्री बोर्ड नहीं है. One line resolution की आदत बदलनी चाहिए. भागीदारी और जिम्मेदारी होनी चाहिए. थरूर ने कहा कि हाई कमांड कल्चर खत्म हो.
खड़गे के बारे में कही ये बात
शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में कहा कि वे हमारे दोस्त हैं. उनके खिलाफ कभी कुछ नहीं कहूंगा. उन्होंने कहा कि मेरा काम करने का तरीका अलग होगा. पैराशूट से राज्यसभा नहीं पहुंचा, तीन बार लोकसभा चुनाव जीता हूं और उसमें भी दो बार भाजपा के समय.
मोदी बनाम शशि?
शशि थरूर ने कहा कि वो लोग दो बार जीते हैं. उनके पास 300 सीट है. अगर वो एक बार और जीत गए तो पार्टी के लिए बहुत कठिन होगा. उन्होंने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष होना चाहिए. सभी पार्टियां उम्मीद के साथ कांग्रेस की तरफ देख रही हैं. अगर कांग्रेस में बदलाव आया और पार्टी मजबूत हुई तो विपक्ष के लिए भी मौका बनेगा.
हिंदू राष्ट्र देशहित में नहीं
शशि थरूर ने कहा कि हमारी रूलिंग पार्टी के लोग ऐसे बात करेंगे कि इसे हिंदू राष्ट्र बना देंगे तो ये हमारे संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि पूरा हिंदू समाज मोदी को समर्थन दे रहा है. मोदी ने 300 सीट 37% वोट के साथ जीती थी. थरूर ने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि पूरा हिंदू समाज उनको समर्थन दे रहा है. हिंदू समाज 80% है और वोट 37% मिले हैं. सबकी अपनी राय हो सकती है और राजनीतिक विश्वास हो सकता है.
क्या नाम वापस लेंगे थरूर?
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में नामांकन वापस लेने के सवाल पर शशि थरूर ने कहा कि मुझसे मिलने इतने लोग आए. उनको धोखा नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भी यही बोला कि मुझसे बहुत से लोगों ने कहा कि आपको Withdraw करना चाहिए. लेकिन मैं आपसे ऐसा कभी नहीं कहूंगा. विड्रॉ मत कीजिए. साथ ही थरूर ने बताया कि राहुल गांधी खुद 10 साल से कह रहे हैं कि पार्टी में चुनाव होने चाहिए.