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बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते, फुल टाइम कांग्रेस अध्यक्ष के अब क्या मायने?

10 अगस्त, 2019 में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया, कांग्रेस कार्यसमिति के रेजॉल्यूशन में लिखा गया कि वह नए अध्यक्ष चुने जाने तक अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी. अध्यक्ष पद का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए. तब से अब तक आंतरिक चुनाव की तारीख को सिर्फ एक्सटेंशन मिल रहा है. 

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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो- पीटीआई)
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिसंबर 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म हो रहा है
  • सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया में लगते हैं एक साल
  • कपिल सिब्बल का कांग्रेस 'अध्यक्ष' पर निशाना

पिछले 2 सालों से सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं. दरअसल जब 2019 में राहुल गांधी ने अपना इस्तीफा दिया तो कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनने के लिए मनाया गया. लेकिन सोनिया गांधी ने इसी शर्त पर हामी भरी कि जल्द से जल्द संगठन के चुनाव होंगे और पार्टी का नया अध्यक्ष चुना जाएगा.

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तब से अब तक तारीख पर तारीख का सिलसिला चल रहा है. कई वरिष्ठ नेताओं ने G-23 का गठन करके बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं, पर कांग्रेस में स्थिति जस की तस है.

बैठक छोड़कर चले गए थे राहुल

यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब 2019 लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की मई में हुई बैठक में नाराज राहुल गांधी बैठक छोड़कर चले गए. राहुल इस बात से नाराज थे कि पार्टी के कई बड़े नेताओं ने अपने बेटों को टिकट दिलाने और निजी स्वार्थ के लिए पार्टी के हित को आग में झोंक दिया. 3 जुलाई, 2019 को राहुल गांधी ने अपना अध्यक्ष पद से इस्तीफा ट्विटर पर डाल दिया. 

सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनने के लिए राजी किया गया

10 अगस्त, 2019 में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया, कांग्रेस कार्यसमिति के रेजॉल्यूशन में लिखा गया कि वह नए अध्यक्ष चुने जाने तक अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी. अध्यक्ष पद का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए. तब से अब तक आंतरिक चुनाव की तारीख को सिर्फ एक्सटेंशन मिल रहा है. 

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फिर लगभग एक साल बाद 24 अगस्त, 2020 को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. कांग्रेस की ये मीटिंग तब हुई थी जब G-23 के नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर  आतंरिक चुनाव की मांग कर चुके थे. इस बैठक में भी प्रस्ताव पारित किया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. 

2 साल में 3 बार संगठन चुनाव मुलतवी हुए

पिछले 2 सालों में तीन बार संगठन चुनाव को मुलतवी किया जा चुका है. इसके लिए अलग-अलग वजह रही. कभी कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए हालात को जिम्मेदार बताया गया तो कभी राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर चुनाव नहीं कराया गया. 

2021 की जून में से पहले चुनाव होने थे लेकिन यह कहकर टाल दिए गए कि असम, पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में चुनाव होने हैं और कोरोना वायरस की परिस्थिति को देखते हुए इतनी भारी तादाद में भीड़ इकट्ठा करना सही नहीं है. 

दिसंबर 2022 में खत्म हो रहा है कार्यकाल

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल 5 साल का होता है. कांग्रेस अध्यक्ष का मौजूदा कार्यकाल दिसंबर 2022 में खत्म होगा. ऐसे में मौजूदा परिस्थिति में सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष की भूमिका में बनी हुई हैं. दिसंबर 2022 के चुनाव के लिए AICC के नए सदस्यों का भी चयन होगा और ब्लॉक और जिला स्तर पर कमेटियां बनेंगी जिसकी प्रक्रिया में लगभग 1 साल लग जाएगा. 

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यही वजह है कि अब G-23 के नेताओं का भी मानना है कि अब समय निकल गया और उनके लिए अब पूर्णकालिक अध्यक्ष के अब कोई मायने नहीं हैं क्योंकि बहुत देर हो गई है. अब अगर कोई फुलटाइम अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है तो उसका कार्यकाल बेहद छोटा होगा और दिसंबर 2022 के पहले एक नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया फिर शुरू हो जाएगी. 

सिब्बल के ट्वीट के बाद बहस

कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव की ये बहस तो काफी दिनों से चल रही थी लेकिन ये हाल में तब चर्चा में आया जब पंजाब के घटनाक्रम पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा था कि इस समय हमारे यहां स्थायी अध्यक्ष ही नहीं है. हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं कि पार्टी के फैसले कौन कर रहा है.

 

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