नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से 8000 करोड़ के वीवीआईपी विमान खरीदने के राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि इन विमानों को लाने की प्रक्रिया लगभग 10 साल पहले यूपीए के शासनकाल में शुरू हुई थी, एनडीए सरकार ने इस डील को तार्किक परिणति तक पहुंचाया है.
केंद्र सरकार ने सफाई में कहा है कि राहुल गांधी तथ्यों को नकार नहीं सकते हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने पंजाब में किसान रैली में कहा था कि नरेंद्र मोदी ने 8000 करोड़ के दो प्लेन खरीद लिए हैं, इन विमानों में विलासिता के पूरे इंतजाम हैं. राहुल ने कहा कि मोदी ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि उनके दोस्त ट्रंप के पास भी ऐसा ही विमान है.
केंद्र सरकार ने कहा कि ये विमान प्रधानमंत्री के विमान नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल दूसरे वीवीआईपी भी करेंगे. केंद्र ने कहा है कि ये विमान भारतीय वायुसेना का है न कि प्रधानमंत्री का.
कैसे हुई विमान की खरीद
वीवीआईपी हस्तियों के आने-जाने के लिए इन विमानों को खरीदने की प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई थी. जब मंत्रियों के समूह के निर्देश पर सचिवों की कमेटी की एक मीटिंग बुलाई गई थी. इस दौरान ये तय किया गया कि एक अंतर मंत्रालयी समूह (IMG) वीवीआईपी विमानों की व्यवस्था करने के लिए दीर्घकालिक उपायों पर विचार करेगा.
अंतर मंत्रालयी समूह ने इस प्रस्ताव पर काम करना शुरू कर दिया. IMG की बैठक करीब 10 बार हुई, 2012 में इस समूह ने सरकार को दो विकल्प सुझाए. पहला विकल्प ये था कि मौजूदा B-777 ईआर विमान को कंवर्ट कर दिया जाए अथवा एअर इंडिया द्वारा ऑर्डर दिए गए एक विमान का इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाए. हालांकि तब तक इस विमान की डिलीवरी नहीं हुई थी.
इसके बाद कैबिनेट सचिवालय ने अगस्त 2013 में सिफारिश की कि एयरक्राफ्ट को इंडियन एयरफोर्स को ट्रांसफर किया जाए. इसके बाद इस प्रक्रिया को तार्किक परिणति तक लाया गया.
25 साल पुराना हो गया विमान
बता दें कि देश के वीवीआईपी एअर इंडिया के जिस जंबो जेट का अब तक इस्तेमाल करते आए हैं वो 25 साल पुराना हो गया है. ये विमान लंबी दूरी की यात्राएं, ट्रांस अटलांटिक फ्लाइट्स करने में असमर्थ है, इसलिए इन्हें रूट में ही रुकना पड़ता है और ईंधन भरना पड़ता है.
बता दें कि 3 अक्टूबर को भारत को अमेरिका से दो B- 777 विमानों की डिलीवरी मिली है. तकनीक और सुरक्षा में ये विमान अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एयर फोर्स वन विमान जैसे हैं. इन विमानों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के द्वारा ही किया जा सकेगा.