नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा. कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने कहा कि कांग्रेस के लिए यह झटका तो है लेकिन इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि सिद्धू शुरू से ही दलबदलू रहा है. आलाकमान ने अपनी तरफ से इनको मौका दिया कि पार्टी में मजबूती आएगी, लेकिन इससे पार्टी कमजोर पड़ी है. सिद्धू ने जो किया है वह गलत फैसला है. वहीं एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी है. अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने पहले ही कहा था सिद्धू स्थिर व्यक्ति नहीं है और पंजाब जैसे बॉर्डर स्टेस के लिए यह सही नहीं है.
वहीं एक अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हमारी पार्टी को नहीं चाहिए ऐसे बुद्धू, ये नहीं थे सिद्धू, ये थे बुद्धू. कांग्रेस आलाकमान ने गलत फैसला लिया. एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि बहुत बुरा हुआ. इन्हें अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना ही नहीं चाहिए था. हमेशा अपनी ही खिचड़ी पकाओ, जो पार्टी दे रही है, उससे संतुष्ट हो जाओ.
सिद्धू का शायद यही सोचना था कि सबकुछ उनके तरीके से हो. अकाली दल और बीजेपी उन्हें मिसगाइडेड मिसाइल बताते थे. इसके बावजूद कांग्रेस नेतृत्व ने उनपर भरोसा जताया. लेकिन उनके इस फैसले से निश्चित तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में दुख है. एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि सिद्धू और कैप्टन का क्या मुकाबला है? ये पसंद ही गलत था. जो बीजेपी का नहीं हुआ वह कांग्रेस या आम आदमी पार्टी का क्या होगा?
नवजोत सिंह सिद्धू के साथ विवाद के कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना पद छोड़ना पड़ा था. कैप्टन अमरिंदर सिंह के पद छोड़ने के बाद ही कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन हाल ही में जिस तरह पंजाब में कैबिनेट विस्तार हुआ, उससे नवजोत सिंह सिद्धू खुश नहीं थे.