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CWC Meeting: कांग्रेस में हार पर मैराथन मंथन, राहुल गांधी बोले-हम पुराने तरीके से लड़ रहे चुनाव

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद रविवार को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. इसमें चुनावी हार के कारणों पर मंथन किया गया. साथ ही आगामी चुनाव में कांग्रेस संगठन को और ज्यादा मजबूत करने पर सहमति बनी. साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि हमें सभी राज्यों के लिए अलग-अलग रणनीति बनानी होगी.

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सोनिया गांधी और राहुल गांधी
सोनिया गांधी और राहुल गांधी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस के 52 वरिष्ठ नेता हुए शामिल
  • सोनिया गांधी-राहुल गांधी भी मीटिंग में रहे

Congress Working committee Meeting: हाल ही में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आ गए हैं. इसमें कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है. जहां पंजाब में कांग्रेस ने सत्ता गंवा दी, वहीं गोवा में पिछला रिकॉर्ड भी नहीं दोहरा सकी तो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में तो बेहद निराशाजनक प्रदर्शन रहा. इसके बाद पार्टी ने मंथन करने के लिए बीते दिन यानी रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग की. 5 घंटे तक कांग्रेस के दिग्गजों ने बैठक में मंथन किया. बैठक में तय हुआ है कि पार्टी सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही आगे बढ़ेगी.

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राहुल बोले-हमारा उद्देश्य साफ होना चाहिए
राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि ये बात स्पष्ट होनी चाहिए कि हमारा उद्देश्य क्या है और हम लोगों तक क्या पहुंचाएंगे. हमें अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग रणनीति बनाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि भाजपा निहित स्वार्थों के लिए चुनाव लड़ रही है. हम पारंपरिक तरीके से लड़ रहे हैं. हमें उम्मीदवार/व्यक्तियों के रूप में नहीं, एक पार्टी के रूप में लड़ना चाहिए. हम कांग्रेस पार्टी के रूप में महात्मा गांधी, नेहरू, पटेल के सिद्धांतों का पालन करते हैं और हम पूरे देश के लिए लड़ते हैं जबकि कुछ राजनीतिक दल अपने विशिष्ट लक्ष्यों के लिए लड़ रहे हैं.

समान विचारधारा वाले दलों को ढूंढना होगा

सूत्रों के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस को संभावित गठबंधन सहयोगियों का पता लगाना चाहिए और गठबंधन की रणनीति तय करनी चाहिए. एक अन्य वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि पार्टी को स्पष्ट रूप से समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को ढूंढना चाहिए और उन तक पहुंचना चाहिए.

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AAP-TMC ने काटे वोट

गोवा में क्या गलत हुआ, इस बारे में पूछे जाने पर गोवा के AICC प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि टीएमसी ने हमारे वोट काटे. साथ ही AAP ने भी यही काम किया. एआईसीसी त्रिपुरा प्रभारी डॉ अजय कुमार ने आजतक से बात करते हुए कहा कि यह एक चुनौती है लेकिन चाहे AAP हो या टीएमसी. ये बीजेपी की बी टीम हैं. जब इनके राज्यों में चुनाव होते हैं, तो केवल भाजपा के खिलाफ बोलते हैं. सिर्फ राहुल गांधी ही बीजेपी के खिलाफ बोलते हैं. 

EVM पर भी उठा बैठक में मुद्दा

सीडब्ल्यूसी की बैठक में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ईवीएम का मुद्दा उठाया. बघेल ने कहा कि ईवीएम के मुद्दों के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए, बघेल ने कहा कि ईवीएम से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए अगला कदम क्या हो इस पर विचार करना होगा. 

बूथ प्रबंधन पर भी हुआ मंथन

बूथ प्रबंधन पर भी बैठक में मंथन हुआ. यह फैसला किया गया कि लोगों की भावनाओं को वोटों में कैसे बदला जाए. सूत्रों ने कहा कि एआईसीसी महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी इस पर अपनी राय रखी. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संसद का मौजूदा बजट सत्र समाप्त होने के बाद राजस्थान में "चिंतन शिविर" आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था.

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संगठन को मजबूत किया जाएगा

AICC महासचिव प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संगठन को सुधारने और मजबूत करने के लिए तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए. आने वाले दिनों में कांग्रेस संगठन में सुधार के लिए पूरी तरह तैयार है.

आगामी चुनाव की तैयारी पर चर्चा

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कहा गया कि कांग्रेस 2022 और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार होगी. 5 घंटे तक चली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस के 52 वरिष्ठ नेताओं ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों पर चर्चा की.

पार्टी के माइनस-प्लस पर हुई बात

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रत्येक प्रभारी द्वारा एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी. इसमें पार्टी के प्लस और माइनस बताए गए. पार्टी को कहां मजबूत करने की जरूरत है. क्या ठीक करने की जरूरत है और भविष्य के लिए क्या सुधार होना चाहिए इस पर भी मंथन किया गया.

भाजपा की कमियां उजागर नहीं कर सके

CWC में इस बात पर जोर देकर कहा गया कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए गंभीर चिंता का कारण हैं. पार्टी स्वीकार करती है कि हमारी रणनीति में कमियों के कारण हम 4 राज्यों में भाजपा सरकारों के कुशासन को प्रभावी ढंग से उजागर नहीं कर सके. 
 

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