कांग्रेस पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक सात घंटे के बाद खत्म हो गई है. सोमवार को लंबी बहस के बाद एक बार फिर कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के हाथ में ही गई. और सोनिया ही अगले एक साल तक पार्टी की अध्यक्ष बनी रहेंगी, जबतक कोई नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता. इस बीच जिन नेताओं ने चिट्ठी लिख पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाया था, उनपर एक्शन की मांग उठने लगी है.
कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने मांग की है कि जिन नेताओं ने चिट्ठी लिखी, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. अंबिका सोनी ने मांग की है कि कांग्रेस के संविधान के हिसाब से इन नेताओं पर एक्शन लिया जाना चाहिए.
आपको बता दें कि गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल समेत कुल 23 नेताओं ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले चिट्ठी लिखी थी. इसमें कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव, नए अध्यक्ष, पार्टी संगठन में बदलाव की मांग की गई थी.
सोमवार को जब वर्किंग कमेटी की बैठक शुरू हुई, तो सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की. जिसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की ओर से चिट्ठी लिखने वालों पर आपत्ति जताई गई, साथ ही टाइमिंग पर सवाल खड़े किए गए. हालांकि, मनमोहन सिंह, एके एंटनी जैसे बड़े नेताओं ने सोनिया गांधी से पद पर बने रहने की मांग की थी.
राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान संभाली थी. अब एक साल बाद जब उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की, तो पार्टी में बवाल खड़ा हो गया. लेकिन फिर एक बार सोनिया गांधी को ही कमान सौंप दी गई है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पुरानी पीढ़ी बनाम नई पीढ़ी का दंगल दिखाई दिया.