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'चीन और ज्यादा समृद्धि पाए,' जिनपिंग के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर बोले केरल के CM

चीन में एक बार फिर शी जिनपिंग राष्ट्रपति चुने गए हैं. ये उनका तीसरा कार्यकाल होगा. जिनपिंग के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. उन्होंने अधिकारिक तौर पर अपना पद संभाल लिया है. जिनपिंग के राष्ट्रपति चुने जाने पर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने बधाई दी है. विजयन ने ट्वीट किया और कहा- चीन वैश्विक राजनीति में एक प्रमुख आवाज के रूप में उभरा है.

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केरल के सीएम ने शी जिनपिंग को बधाई दी है.
केरल के सीएम ने शी जिनपिंग को बधाई दी है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने चीन में तीसरी बार शी जिनपिंग के राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता विजयन ने ट्वीट किया है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के जिनपिंग को शुभकामना संदेश दिया है. 

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विजयन ने कहा- चीनी जनवादी गणराज्य के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रिवोल्यूशनरी बधाई. यह वाकई प्रशंसनीय है कि चीन वैश्विक राजनीति में एक प्रमुख आवाज के रूप में उभरा है. चीन को और ज्यादा समृद्धि पाने के निरंतर प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.

तीसरी बार राष्ट्रपति बने हैं जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के तीसरी बार राष्ट्रपति बन गए हैं. जिनपिंग को 14वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) के वर्तमान सत्र में सर्वसम्मति से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) का अध्यक्ष और केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) का अध्यक्ष चुना गया गया. शुक्रवार को चीन की संसद ने उनके तीसरे पंचवर्षीय कार्यकाल का सर्वसम्मति से समर्थन किया. पांच साल में एक बार होने वाली कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस ने पिछले साल अक्टूबर में 69 वर्षीय शी को फिर से अपना नेता चुना था. शी जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी के पहले नेता हैं जिन्हें तीसरी बार कार्यकाल मिला है, उनसे पहले पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग ने दो बार अपने पांच-पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था.

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आजीवन सत्ता पर रहेंगे काबिज

चीन की विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी), जिसे अक्सर रबर स्टैंप संसद के रूप में जाना जाता है, उसने जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगा दी. इस दौरान जिनपिंग के सत्ता में रहने के लिए पार्टी की अपेक्षित लाइन पर मतदान हुआ. इसके साथ ही शी जिनपिंग के अब आजीवन अपने देश की सत्ता पर काबिज रहने का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल पहले चीनी नेताओं की सत्ता पर काबिज रहने की सीमा केवल दो बार की थी जिसे जिनपिंग ने 2018 में खत्म कर दिया. पिछले अक्टूबर कांग्रेस के दौरान उन्हें सीपीसी का महासचिव चुना गया था. यह वह पद है जिसके पास पार्टी के शीर्ष फैसले लेने का पूरा अधिकार होता है और वह पार्टी में शीर्ष पदों के लिए चुनाव करता है.

 

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