कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद शशि थरूर आमने-सामने हैं. दोनों के बीच होने वाला मुकाबला दिलचस्प रूप लेता जा रहा है. शशि थरूर ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह इस पद को लेकर डिबेट के लिए तैयार हैं. क्योंकि इससे पार्टी में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. जैसे कि हाल में ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व पद के चुनाव को लेकर हुई थी. वहीं इस पर खड़गे ने साफ कहा है कि वह इसमें नहीं पड़ना चाहते.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के बीच डिबेट तो थरूर ने कहा, "मैं इस विचार के लिए तैयार हूं. हमारे बीच कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं. बल्कि यह सवाल है कि हम उन उद्देश्यों को कैसे हासिल करें जिन पर हम पहले से सहमत हैं. एक डिबेट की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि और चुनाव की तारीख के बीच लगभग ढाई सप्ताह हैं और सभी 9,000 वोटरों तक पहुंचना व्यावहारिक और तार्किक रूप से कठिन होगा.
डिबेट से गैर-मतदान वर्ग आकर्षित होंगे- थरूर
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि इस लिहाज से, डिबेट एक ऐसा मंच है, जहां उम्मीदवार रचनात्मक तरीके से पार्टी के लिए अपने विचारों और दृष्टि का आदान-प्रदान कर सकते हैं, संभावित रूप से इन दृष्टिकोणों को अधिक से अधिक प्रतिनिधियों तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान करेगा. साथ ही, इस तरह के विचारों का आदान-प्रदान निश्चित रूप से गैर-मतदान वर्गों को भी अपनी तरफ आकर्षित करेगा. चाहे वह अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता हों, मीडिया और यहां तक कि आम भारतीय जनता हो.
विचारों के आदान-प्रदान से लाभकारी प्रभाव
थरूर ने कहा, "जैसा कि मैंने अक्सर बताया है, उम्मीदवारों के बीच विचारों के आदान-प्रदान से पार्टी के लिए लाभकारी प्रभाव हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, हमने ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी में उनकी हालिया नेतृत्व दौड़ के दौरान वैश्विक रुचि देखी है. एक ऐसी घटना जिसे हम 2019 में पहले ही देख चुके हैं. जब एक दर्जन उम्मीदवारों ने थेरेसा मे की जगह लेने के लिए चुनाव लड़ा और बोरिस जॉनसन शीर्ष पर उभरे. इसी तरह के परिदृश्य को दोहराने से कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय हित बढ़ेगा और एक बार फिर से पार्टी के प्रति अधिक मतदाताओं को प्रेरित करेगा.
खड़गे ने दिया ये जवाब
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, "मैं इसमें नहीं जाना चाहता. मुझे जो कुछ भी कहना है, मैं स्पष्ट रूप से कहूंगा. ऐसे कई लोग हैं जो बौद्धिक हैं, विद्वान हैं, वे बहस चाहते हैं. मैं उसमें नहीं पड़ना चाहता, मैं केवल काम करना जानता हूं, मुझे ऐसा करने का मौका दें."
नेहरू-गांधी परिवार का विशेष स्थान
थरूर ने कहा, "नेहरू-गांधी परिवार ने एक विशेष स्थान धारण किया है और हमेशा रहेगा. कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के दिलों में और अच्छे कारणों से भी. अपने महान पूर्वजों से विरासत में मिली महान विरासत के अलावा, वह लगातार विभिन्न समूहों, विचारधाराओं, भौगोलिक क्षेत्रों और समुदायों को एक साथ लाए हैं, जो सामूहिक रूप से कांग्रेस पार्टी का ताना-बाना बनाते हैं.