नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसानों का प्रदर्शन डेडलॉक की स्थिति में पहुंचता जा रहा है. 26 नवंबर को शुरू हुआ किसानों का प्रदर्शन आज 11वें दिन में पहुंच गया है. सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने आठ दिसंबर को देशव्यापी बंद का ऐलान किया गया है, इसके ठीक एक दिन बाद नौ दिसंबर को छठे राउंड की मीटिंग होगी.
हालांकि किसान 9 दिसंबर के बाद बाद की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं. अगर 9 दिसंबर को बात नहीं बनती है तो किसानों ने दिल्ली के सभी बॉर्डरों की घेराबंदी करने का मन बना लिया है. किसान पहले ही सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉडर और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालकर सड़क पर बैठ चुके हैं, उनके पास मुकम्मल राशन है, खाने पीने का इंतजाम है. किसानों को कई संस्थाओं से चंदे मिलने लगे हैं.
10 दिसंबर से तेज हो सकता है किसानों का आंदोलन
अगर 9 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच वार्ता विफल रहती है तो दिल्ली को बड़े संकट के लिए तैयार रहना चाहिए. माना जा रहा है कि 9 दिंसबर को बात नहीं बनी तो किसान अगला प्लान एक्टिव कर देंगे. यानी दिल्ली को देश से जोड़ने वाले सभी बॉर्डर की नाकेबंदी की जाएगी.
लोनी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली-नोएडा बॉर्डर भी होगा बंद
किसान संगठनों की मानें तो बातचीत फेल रहने की दिशा में 9 दिसंबर से लोनी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को भी बंद कर दिया जाएगा, अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली में हाहाकार मचना तय है.
बता दें कि दिल्ली को लगभग 1.5 करोड़ आबादी को रोजाना दूध, सब्जी, फल और अन्य सामानों की सप्लाई यूपी, हरियाणा और पंजाब जैसे ही राज्यों से होती है. अगर किसान दिल्ली के सभी एंट्री प्वाइंट को बंद करने में कामयाब रहें तो दिल्ली में भारी मुश्किल पैदा हो सकती है.