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उदयनिधि की पार्टी के सांसद बोले- बीजेपी 'गोमूत्र स्टेट' वाली पार्टी, सनातन विवाद पर बैकफुट पर आई कांग्रेस के लिए नई मुश्किल

लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिलों पर चर्चा के दौरान धर्मपुरी से डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार के बयान पर बवाल हो गया. उन्होंने कहा कि इस देश के लोगों को सोचना चाहिए कि बीजेपी की ताकत सिर्फ हिन्दी हार्टलैंड राज्यों में चुनाव जीतने की है, जिसे हम सामान्य तौर पर 'गौमूत्र राज्य' कहते हैं. बीजेपी ने इस बयान का जोरदार विरोध किया है और कांग्रेस पर भी निशाना साधा है.

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उदयनिधि और DMK सांसद DNV सेंथिलकुमार
उदयनिधि और DMK सांसद DNV सेंथिलकुमार

कांग्रेस मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुई हार पर चर्चा कर ही रही थी कि उसके दक्षिण के एक अहम सहयोगी ने उसकी मुश्किलें बढ़ा दी.INDIA गठबंधन के अहम साझीदार डीएमके के सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने मंगलवार को संसद में बीजेपी को गोमूत्र स्टेट वाली पार्टी बताया है. सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने लोकसभा में कहा कि बीजेपी सिर्फ हिन्दी हार्टलैंड में ही जीत सकती है. जिसे हम आमतौर पर गौमूत्र स्टेट कहते हैं. दक्षिण के राज्य, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना में बीजेपी का कोई वजूद नहीं है. 

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डीएनवी सेंथिलकुमार के इस बयान पर बवाल हो गया है. डीएमके सांसद के इस बयान के लिए बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया है और कहा है कि क्या राहुल गांधी INDIA गठबंधन के इस अहम सहयोगी के बयान से सहमत हैं? जिसने भारतीयों का अपमान किया है. 

बता दें कि मंगलवार को ही डीएमके नेता उदयनिधि ने सनातन पर एक बार फिर बयान दिया था. उदयनिधि ने कहा था कि वे स्टालिन के बेटे और करुणानिधि के पोते हैं और वे अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेगे. गौरतलब है कि उदयनिधि ने कुछ महीने पहले ही सनातन धर्म की तुलना 'डेंगू' और 'मलेरिया' से की थी.

'डेंगू''मलेरिया' से सनातन की तुलना के बाद गौमूत्र वाला तंज

मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिलों पर चर्चा के दौरान धर्मपुरी से डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने कहा कि इस देश के लोगों को सोचना चाहिए कि बीजेपी की ताकत सिर्फ हिन्दी हार्टलैंड राज्यों में चुनाव जीतने की है, जिसे हम सामान्य तौर पर 'गौमूत्र राज्य' कहते हैं. हालांकि बीजेपी सदस्यों के विरोध के बाद 'गोमूत्र' शब्द को लोकसभा की कार्यवाही से हटा लिया गया है. 

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नॉर्थ-साउथ डिवाइड की चर्चा 

बता दें कि चार राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद सोशल मीडिया समेत मेनस्ट्रीम मीडिया में नॉर्थ-साउथ डिवाइड की चर्चा हो रही है. इसका तर्क यह है कि बीजेपी हिन्दी भाषी एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो चुनाव जीत गई लेकिन तेलंगाना में कुछ खास नहीं कर पाई है. जबकि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है. इससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकार बनाई है. 

डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने कहा कि बीजेपी दक्षिण भारत नहीं आ सकती है, आप केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के नतीजे देख लीजिए, हम वहां मजबूत स्थिति में है.

बीजेपी ने डीएमके से ज्यादा कांग्रेस को टारगेट किया

डीएमके सांसद के बयान का बीजेपी ने जोरदार विरोध किया. लेकिन बीजेपी का हमला डीएमके से ज्यादा कांग्रेस पर था. बीजेपी नेता सीटी रवि ने कहा कि क्या इंडिया अलायंस के नेता राहुल गांधी डीएमके सांसद के बयान से राजी हैं जिन्होंने हार्टलैंड स्टेट के भारतीयों का अपमान किया है. कांग्रेस और इसके सहयोगी भारतीयों का कबतक अपमान करते रहेंगे?

बीजेपी राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि ये हेट स्पीच का एक दूसरा उदाहरण है. ये इंडिया गठबंधन के फ्रस्ट्रेशन को दिखाता है. गोमूत्र और गोमाता की पूजा न सिर्फ उत्तर भारत में होती है बल्कि दक्षिण भारत में भी इनकी मान्यता है. यदि ये लोग भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अपमान करते रहेंगे तो उत्तर भारत तो छोड़िए, दक्षिण भारत से भी इनका निशान मिट जाएगा.  

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पीएम मोदी ने भी चुनाव प्रचार में उठाया था सनातन का मुद्दा

बता दें कि राजस्थान और एमपी में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे को उठाया था. पीएम मोदी ने उदयनिधि के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन की ये पहली हरकत नहीं है. सनातन पर इन्होंने क्या-क्या कहा है इसे पूरे देश ने देखा है. कांग्रेस और इसके साथी सनातन को खत्म करने का ऐलान कर रहे हैं, और सनातन को खत्म करने का मतलब है राजस्थान की संस्कृति को खत्म करना. 

हिन्दी हार्टलैंड में हार की चोट खायी कांग्रेस के लिए डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने और भी मुश्किलें खड़ी कर दी है. और पार्टी के लिए जवाब देते नहीं बन रहा है. कांग्रेस ने सेंथिलकुमार के बयान को तत्काल खारिज किया और कहा कि ये उनकी निजी राय है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि "संसद के अंदर एक व्यक्ति क्या कह रहा है, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है, यह उनका अपना बयान है. हम 'गौ माता' का सम्मान करते हैं, हमें इस पर कुछ नहीं कहना है." 

अधीर रंजन के अलावा मिलिंद देवड़ा और कार्ति चिदंबरम ने भी डीएमके सांसद के बयान की आलोचना की. 

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बता दें कि विवाद बढ़ने के बाद 'गोमूत्र'शब्द को संसद की कार्यवाही से हटा लिया गया है. इसके अलावा डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने भी अपने बयान के लिए खेद जताया है.
 

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