अमेरिका की संसद कैपिटल हिल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के कब्जे की वजह से दुनिया भर में ट्रंप की किरकिरी हो रही है. ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को अनिश्चितकाल के लिए ब्लॉक कर दिया है. कई संगठनों और संस्थाओं ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम के इस कदम का समर्थन किया है.
हालांकि बीजेपी के दो युवा नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर इन दिग्गज टेक कंपनियों की कार्रवाई का विरोध किया है. ये दो बीजेपी नेता हैं बीजेपी के सूचना तकनीक विभाग के राष्ट्रीय इंचार्ज अमित मालवीय और बेंगलुरु दक्षिण से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या.
अमित मालवीय ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप जो कि अमेरिका में अभी भी राष्ट्रपति हैं उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा देना एक खतरनाक नजीर है. भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष और बेंगुलुरु दक्षिण से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि ये उनलोगों के लिए सावधान हो जाने की चेतावनी है जो अनियंत्रित टेक कंपनियों से हमारे लोकतंत्र के खतरे को नहीं समझ पा रहे हैं.
Deplatforming Donald Trump, a sitting US president, sets a dangerous precedent.
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 9, 2021
It has less to do with his views and more to do with intolerance for a differing point. Ironically, those who claim to champion free speech are celebrating.
Big tech firms are now the new oligarchs.
बता दें कि ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पर्सनल अकाउंट सस्पेंड कर दिया है. ट्विटर का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप हिंसा को बढ़ावा देने के चलते अपने अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए बुधवार को कैपिटल में जबरदस्ती प्रवेश करने की कोशिश की थी. इस दौरान हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद फेसबुक ने भी ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड कर दिया है.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के सूचना तकनीक विभाग के राष्ट्रीय इंचार्ज अमित मालवीय ने कहा, "एक पदस्थ अमेरिकी राष्ट्रपति को सोशल मीडिया से हटा देना एक खतरनाक उदाहरण है.
This must be wake up call for all who don’t yet understand threat to our democracies by unregulated big tech companies.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) January 9, 2021
If they can do this to POTUS, they can do this to anyone.
Sooner India reviews intermediaries regulations, better for our democracy.@GoI_MeitY https://t.co/SWzaBfycJ8
इसका उनके विचारों से कम लेना-देना है और इसका संबंध एक अलग विचार के प्रति असहिष्णुता से ज्यादा है, विडंबना यह है कि वे लोग जो विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के पैरवीकार होने का दावा करते हैं वे इस पर जश्न मना रहे हैं, अब दिग्गज टेक कंपनियां ही नई कुलीन वर्ग है."
बीजेपी के फायर ब्रांड सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी ट्रंप पर इस कार्रवाई का विरोध किया है. तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट करते हुए कहा कि ये उन लोगों के लिए खतरे की घंटी हैं जो अबतक हमारे लोकतंत्र को अनियंत्रित बड़ी कंपनियों से होने वाला खतरा नहीं समझ पा रहा हैं. तेजस्वी सूर्या ने कहा,"यदि वे ऐसा ट्रंप के साथ कर सकते हैं तो फिर किसी के साथ भी कर सकते हैं. जितनी जल्दी भारत इन मध्यवर्ती संस्थाओं के नियंत्रण से जुड़े कानूनों की समीक्षा करता है हमारे लोकतंत्र के लिए वो उतना ही अच्छा है."