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राष्ट्रपति चुनाव: Droupadi Murmu को इस राज्य से नहीं मिलेगा एक भी वोट!

राष्ट्रपति चुनाव के लिए में विपक्षी दलों ने अपने उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के राष्ट्रव्यापी प्रचार के लिए 11 सदस्यीय अभियान समिति का गठन किया है. इस अभियान के तहत यशवंत सिन्हा आज केरल पहुंच रहे हैं. वो विधानसभा का दौरा करेंगे और विधायकों से मिलेंगे. 

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NDA presidential candidate Droupadi Murmu
NDA presidential candidate Droupadi Murmu
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है
  • 21 जुलाई को तय हो जाएगा देश का अगला राष्ट्रपति

देश के सर्वोच्च पद यानी राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है. 21 जुलाई को तय हो जाएगा देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा. इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू मैदान में हैं तो विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है. इन्हीं के बीच सीधी लड़ाई है.

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हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना ​रहा है कि विभिन्न दलों के समर्थन को देखते हुए द्रौपदी मुर्मू के यशवंत सिन्हा की तुलना में राष्ट्रपति चुने जाने की प्रबल संभावना है. वहीं, कई दलों ने अभी अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है. इसमें शिवसेना, आम आदमी पार्टी जैसे दल शामिल हैं. 

इधर, राष्ट्रपति चुनाव के लिए में विपक्षी दलों ने अपने उम्मीदवार  यशवंत सिन्हा के राष्ट्रव्यापी प्रचार के लिए 11 सदस्यीय अभियान समिति का गठन किया है. इस अभियान के तहत यशवंत सिन्हा आज केरल पहुंच रहे हैं. वो विधानसभा का दौरा करेंगे और विधायकों से मिलेंगे. 

केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एनडीए के पास शून्य वोट हैं. ऐसे में यशवंत सिन्हा केरल से अपने अभियान की शुरुआत इस उम्मीद में कर रहे हैं कि उन्हें राज्य के 140 विधायकों, 20 लोकसभा सांसदों और 9 राज्यसभा सांसदों का समर्थन मिलेगा. केरल विधानसभा में 21,280 मतों के साथ 140 विधायक हैं. लोकसभा और राज्यसभा में 29 सांसद हैं, जिनके कुल 20,300 वोट हैं.

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केरल में बीजेपी की स्थिति क्या है?

केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) और विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) दोनों विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं. भाजपा की सहयोगी भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) का राज्य की विधानसभा या संसद के दोनों सदनों में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.

एनडीए के पास 5.26 लाख वोट हैं

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए मतदाताओं के वोट की कुल वैल्यू 10,86,431 है. इस तरह राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए आधे से एक वोट ज्यादा की जरूरत होगी, जिसके लिहाज से कम से कम 5,43,216 वोट चाहिए होंगे. राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए के पास 5.26 लाख वोट हैं, जिनमें बीजेपी के साथ जेडीयू, एआईएडीएमके, अपना दल (एस), एलजेपी, एनपीपी, निषाद पार्टी, एनपीएफ और एमएनएफ छोटे दल शामिल हैं.

मौजूदा आंकड़ों के लिहाज से एनडीए को अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए 13 हजार अतिरिक्त वोटों की जरूरत है. एनडीए से द्रौपदी मुर्मू का नाम सामने आने के बाद विपक्षी खेमे से जिस तरह से एक के बाद एक दल का समर्थन मिल रहा है, उससे उनका पलड़ा भारी होता जा रहा है. बसपा प्रमुख मायावती से लेकर बीजेडी के प्रमुख और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष व झारखंड के सीएम हेमत सोरेन, वाईएसआर कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है. ऐसे में द्रौपदी मुर्मू के जीत के आसार बढ़ गए हैं. 

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