दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. अरविंद केजरीवाल ने हिंसा में लिप्त जिम्मेदार राजनीतिक दल के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की मांग की और एक बार फिर तीनों किसान बिल को लेकर सवाल भी खड़े किए हैं.
70 साल में किसानों के साथ हुआ धोखा
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘आजकल हमारे देश का किसान बहुत दुखी है. 70 साल से सभी पार्टियों ने मिलकर किसानों को धोखा दिया है. कभी कहते थे किसानों का लोन माफ करेंगे लेकिन किसी ने भी लोन माफ नहीं किया. किसानों के बच्चों को नौकरी देने का वादा किया लेकिन नौकरी नहीं दी. पिछले 25 साल में साढ़े 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं. लेकिन किसी भी पार्टी ने किसानों की सुध नहीं ली.’
तीनों किसान बिल पर सवाल
तीनों किसान बिल पर सवाल उठाते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, '3 किसान बिल लाए गए हैं. यह तीनों बिल किसानों से उनकी खेती छीनकर कुछ पूंजीपतियों को सौंप देंगे. अब किसान के लिए अस्तिव का सवाल हो गया है कि अगर सड़क पर नहीं उतरे तो किसानी नहीं बचेगी. और किसानी नहीं बची तो किसान अपने परिवार को कैसे पालेगा. इतनी ठंड में किसान इसलिए बैठे हैं क्योंकि अगर नहीं बैठे तो कुछ नहीं बचेगा.’
26 जनवरी की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण- केजरीवाल
26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा पर सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘26 जनवरी को हिंसा हुई, जो दुर्भाग्यपूर्ण थी. किसानों पर फर्जी केस पे केस लगाए जा रहे हैं. जो भी पार्टी इसके लिए असल मे ज़िम्मेदार है उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. लेकिन उस दिन हिंसा हुई, इस वज़ह से किसानों के मुद्दे ख़त्म नही हो गए हैं. वो मुद्दे आज भी बरकरार हैं जिन मुद्दों की वजह से किसान 60 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. वो कह रहे हैं कि आंदोलन ख़त्म, नहीं आंदोलन कैसे ख़त्म होगा. किसानों की दुखती समस्या आज भी बरकरार है.’
'आम आदमी बनकर मिलें किसानों से पार्टी कार्यकर्ता'
अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस देश का किसान दुखी है वो देश कभी सुखी नहीं रह सकता है. हम सब लोगों को मिलकर किसानों का अहिंसा पूर्वक साथ देना है. अपने अपने इलाकों से जब भी किसानों के साथ जाओ, अपना झंडा, डंडा और टोपी घर पर छोड़कर जाना. किसानों के बीच गैर राजनीतिक तरीके से, देश का एक आम नागरिक बनकर जाना है.’
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