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कृषि बिल पर विपक्ष का हंगामा, माइक तोड़ा, रूल बुक फाड़ी, उपसभापति से बिल छीनने की कोशिश

विपक्ष के हंगामे के बीच नरेंद्र सिंह तोमर जवाब देते रहे. वहीं राज्यसभा में किसान बिल का विरोध कर रहे विपक्षी सांसद ने बिल छीनने की कोशिश की जिससे उपसभापति का माइक टूट गया. हालांकि पास में ही खड़े मार्शल ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद कृषि बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए उपसभापति की चेयर तक पहुंच गए.

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कृषि बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा
कृषि बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कृषि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामा
  • कई सांसद वेल में पहुंचे, किया विरोध
  • रूल बुक फाड़ी, हंगामे में माइक टूटा

राज्यसभा से भी कृषि बिल पास हो गए हैं. लेकिन चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए. कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, राज्यसभा का समय न बढ़ाएं. मंत्री का जवाब कल हो, क्योंकि अधिकतर लोग यही चाहते हैं. राज्यसभा का समय 1:00 बजे तक होता है.

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विपक्ष के हंगामे के बीच नरेंद्र सिंह तोमर जवाब देते रहे. वहीं राज्यसभा में किसान बिल का विरोध कर रहे विपक्षी सांसद ने बिल छीनने की कोशिश की, जिससे उपसभापति का माइक उखड़ गया. हालांकि पास में ही खड़े मार्शल ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद कृषि बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए उपसभापति की चेयर तक पहुंच गए. 

प्रदर्शन के दौरान सदन में हंगामा कर रहे सांसदों की वजह से आसन के सामने लगा माइक टूट गया. टीएमसी सांसद डेरक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन और तृणमूल के बाकी सांसदों ने आसन के पास जाकर रूल बुक दिखाने की कोशिश की और उसे फाड़ दिया. इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

यह हंगामा राज्यसभा में किसान बिल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब देने के दौरान हुआ. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का इस विधेयक से कोई भी लेना देना नहीं है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही थी और आने वाले समय में भी होगी. इसमें किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है. कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. 

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क्यों विपक्ष को आया गुस्सा

असल में, सरकार चाहती थी कि कोरोना महामारी के कारण जल्दी से कृषि मंत्री के भाषण के बाद वोटिंग कराई जाई लेकिन इस दौरान जब विपक्ष के रिजॉल्यूशन को निरस्त किया गया तो हंगामा होने लगा. विपक्ष की मांग थी कि बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन का समय बढ़ाया जाए, वो सबकी सहमति से होना चाहिए न कि सत्ता पक्ष के नंबर के आधार पर. जिसे चेयर ने नहीं माना और विपक्ष का गुस्सा बढ़ गया और हंगामा शुरू हो गया. ध्वनिमत से बिल को पास कराने पर विपक्ष ने नाराजगी जाहिर की.

 

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