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संसद में भारी हंगामा... चर्चा पर अड़ा विपक्ष, आखिरकार पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल

विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि कानूनों की वापसी का बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया. विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी के बिल पर चर्चा की मांग पर अड़ा था, लेकिन सरकार चर्चा को तैयार नहीं थी.

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पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल
पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी बिल पास
  • राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद संवैधानिक तौर पर पास होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद तीनों कृषि कानूनों (Farm laws) की वापसी पर आज संसद की मुहर भी लग गई. विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी के बिल पर चर्चा की मांग पर अड़ा था, लेकिन सरकार चर्चा को तैयार नहीं थी. विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि कानूनों की वापसी का बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया. अब राष्ट्रपति के मंजूरी मिलते ही तीनों कानून रद्द हो जाएंगे.

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प्रधानमंत्री ने कहा था- संसद में सवाल भी हो और शांति भी

संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की कार्यवाही से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार हर विषय पर खुली चर्चा करने के लिए तैयार है, हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि संसद में सवाल भी हो और शांति भी हो. हम चाहते हैं संसद में सरकार के खिलाफ, नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में युवा पीढ़ियों के काम आए. 

एमएसपी पर कानून बनानेको लेकर विपक्ष का प्रदर्शन 

लेकिन दूसरी तरफ विपक्ष किसानों के मुद्दे को लेकर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन कर रहा था. प्रदर्शन में किसानों के लिए एमएसपी पर कानून बनाने और वेल्फेयर स्कीम की मांग की जा रही थी. विपक्ष के इस प्रदर्शन में राहुल गांधी और सोनिया गांधी शामिल थे, लेकिन टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने दूरी बना रखी थी.

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हंगामे के साथ शुरू हुई सदन की कार्यवाही

लोकसभा में शीतकालीन सत्र के शुरू होते ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने वेल में आकर हंगामा किया, जिसके बाद कार्यवाही शुरू होते ही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. 12 बजे कार्यवाही शुरू होते ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों की वापसी का बिल सभा में पेश किया. हालांकि, उनके बोलना शुरू करते ही विपक्ष हंगामा करने लगा. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक पर चर्चा की मांग की. लेकिन हंगामा होने की वजह से स्पीकर ने कहा कि इस प्रकार चर्चा नहीं की जा सकती. इसपर सांसदों ने नारेबाजी की लेकिन जल्द ही बिल पास कर दिया गया. 

उधर राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही काफी हंगामा हुआ और राज्यसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. 2 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई कृषि कानून वापसी बिल सभा में पेश किया गया.

नेता प्रतिपक्ष ने बिल का किया समर्थन 

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बिल के लिए सभी सदस्यों ने विरोध किया था और कहा था कि यह बिल किसानों के हित में नहीं है और इसलिए इसे वापस लेने की मांग की जा रही थी. जब किसान आंदोलन का असर बाइइलेक्शन में दिखा तो सरकार को चिंता हुई की इसका असर आने वाले चुनावों में भी दिख सकता है. इसीलिए इसे वापस लिया गया. हालांकि हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं और इसका समर्थन करते हैं.

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कृषि मंत्री ने कहा बिल पर चर्चा की ज़रूरत नहीं

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार जब ये बिल लाई तो कुछ अच्छा सोचकर ही लाई थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका. मोदी जी ने प्रकाशपर्व पर बिल को वापस लेने की घोषणा की थी. इसपर विपक्ष भी राज़ी है इसलिए चर्चा की ज़रूरत नहीं है. इसपर काफी हंगामा किया गया, लेकिन बिल पास कर दिया गया. 
  
अब दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास ले जाया जाएगा और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद, संवैधानिक तौर पर कृषि कानून बिल पास हो जाएगा.

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