इन दिनों दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. यूं तो सभी जगह पर किसानों ने रास्ता रोका हुआ है लेकिन कई जगहों पर अनूठे प्रदर्शन की तस्वीरें भी देखने को मिल रही है. गाजीपुर बॉर्डर पर इसी तरीके से कुछ किसानों ने फसल की थाली सजा दी है. फसलों की इस थाली के जरिए किसान एक अलग ही संदेश देना चाहते हैं.
मथुरा से आए राजवीर शर्मा कहते हैं कि "यह थाली हमने इसलिए लगाई है ताकि लोगों को पता लग सके कि आखिरकार किसान क्या-क्या उपजाते हैं. लोग जो अपनी थाली में खाना खाते हैं उनमें इन्हीं फसलों से तैयार की हुई चीजें आती है."
फसलों की ये थालियां ठीक आंदोलन स्थल पर लगाई गई हैं जहां दिन भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है. यह थाली कौतूहल का विषय बनी हुई है और हर कोई आकर कम से कम एक बार वहां रुकता तो है ही.
शाहजहांपुर से आईं प्रेमवती भी इस अनूठे प्रयोग के बारे में कुछ बताती हैं, "चौका चूल्हा तो हम भी चलाते हैं लेकिन हमें अपनी जरूरत की चीज भी बाजार से खरीदनी हो तो 1 का 10 भाव देना पड़ता है. इसलिए लोगों को यह बताना जरूरी है कि आखिरकार हम किन परिस्थितियों में काम करते हैं."
फसलों की थाली में सिर्फ अनाज नहीं है, बल्कि दलहन, तिलहन, सब्जियां और यहां तक कि फल भी सजाए गए हैं. रात-दिन यहां पर कोई न कोई बैठा रहता है और आने वालों को एक-एक के बारे में जानकारियां भी देता है.
कानपुर से आए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह भी वहीं मौजूद थे. रवि कहते हैं, "यह पहल तो वाकई काफी अच्छी है. आंदोलन के जरिए हम कृषि कानून के बारे में बात तो उठा रहे हैं लेकिन कई बार हमें ऐसे प्रयोग से लोगों को खेती के बारे में समझाने में आसानी होती है. इसके जरिए यह बताया जा रहा है कि आखिरकार किसान गरीब क्यों है और जो खेती से जुड़े कारोबारी है वह पैसा कैसे बना रहे हैं."
कुल मिलाकर फसलों की थाली की धूम गाजीपुर में प्रदर्शन के दौरान खूब जम रही है. प्रदर्शन अनूठा भी है इसीलिए आते-जाते किसानों और आम लोगों का ध्यान भी खूब खींच रहा है.