राज्यसभा में बजट पर चर्चा समाप्त हो गई है. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पर चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने विपक्ष द्वारा बजट को ‘अमीरों’ का बजट बताए जाने पर पलटवार कर अपनी बात कही, जानें और क्या-क्या कहा वित्त मंत्री ने.
विपक्ष झूठा नरेटिव सेट कर रहा
बैगनी और नीले बॉर्डर की साड़ी में राज्यसभा पहुंची वित्त मंत्री ने अपने जवाब के शुरुआत में ही कहा कि आजकल विपक्ष की एक आदत बन गई है कि हम पर सिर्फ क्रोनी कैपिटलिज्म को समर्थन करने का आरोप लगाते रहना. हमारे खिलाफ गरीब विरोधी का नैरेटिव सेट करना. निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका विपक्ष से सवाल है कि प्रधानमंत्री आवास योजनाा , सौभाग्य योजना, GeM के ऑर्डर MSME को देना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाा के लिए ज्यादा किलोमीटर सड़क निर्माण के ठेके देना, मनरेगा और अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन क्या अमीरों के लिए किया गया काम है?
दामाद का बजट नहीं
वित्त मंत्री ने विपक्ष के क्रोनी कैपिटलिज्म के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इस सरकार ने UPI की सुविधा दी और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया. इससे लाखों लोगों को पेमेंट करने में आसानी हुई. क्या इसका लाभ किसी क्रोनी कैपिटलिस्ट या दामाद को हुआ?
मुद्रा लोन में दिए 27,000 करोड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 27,000 करोड़ रुपये का ऋण आवंटित किया गया. यह सब गरीबों के लिए था, ना कि किसी ‘दामाद’ के लिए.
दामाद पर कांग्रेस का कॉपीराइट नहीं
निर्मला सीतारमण के ‘दामाद’ वाले बयान पर विपक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई. इस पर वित्त मंत्री ने चुटकी ली कि ‘दामाद हर घर में होता है, इस पर कांग्रेस का कोई कॉपीराइट नहीं है. लेकिन लगता है कि कांग्रेस ने इसे ऐसे ही पहचान दी है.
मनरेगा की कमियों को किया दूर
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में सरकार में आने के बाद हमने मनरेगा की कमियों को दूर किया. इसका प्रभावी उपयोग किया और इस बात की तस्दीक आंकड़े करते हैं. हमारे कार्यकाल में हर साल इसके बजट आवंटन और वास्तविक खर्च में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. यहां तक कि 2020 में महामारी आने से पहले मनरेगा के लिए 61,000 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया था और लेकिन महामारी के दौरान हमने इसका बजट बढ़ाकर 1.11 लाख करोड़ रुपये किया और इसका अभी उपयोग 90.4 हजार करोड़ रुपये है.
FCI की सेहत MSP खरीद के लिए जरूरी
वित्त मंत्री ने कहा कि हमने FCI की बैलेंस शीट बेहतर बनाई. FCI देश की खाद्य सुरक्षा और MSP पर की जाने वाली खरीद के लिए बहुत जरूरी है. इसलिए इसकी सेहत सही करना भी जरूरी है
विपक्ष के बजट में आंकड़े संदिग्ध
निर्मला सीतारमण ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम के बजट आंकड़ों को संदिग्ध बताने का भी जवाब दिया गया. उन्होंने कहा कि हमने अपने बजट में सही आंकड़े दिए हैं. लेकिन जब पूर्व वित्त मंत्री, वित्त मंत्री थे तो 2007-08 के बजट में उन्होंने capex growth को 62% दिखाया जबकि असल में यह 9% था. इसके अलावा तेल कंपनियों, FCI इत्यादि को नकद सब्सिडी के बदले में स्पेशल बांड जारी किए.
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