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100 पूर्व नौकरशाहों का पीएम मोदी को खत, PM केयर्स फंड पर उठाए ये सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 100 पूर्व सिविल सेवा अधिकारियों ने एक खुला पत्र लिखा है. शनिवार को इन पूर्व सिविल सेवा अधिकारियों के समूह ने अपने ओपन लेटर में पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता पर पूर्व अधिकारियों ने सवाल खड़े किए हैं
  • 'प्रधानमंत्री की साख के लिए पारदर्शिता जरूरी'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 100 पूर्व सिविल सेवा अधिकारियों ने एक खुला पत्र लिखा है. शनिवार को इन पूर्व सिविल सेवा अधिकारियों के समूह ने अपने ओपन लेटर में पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है, ''पब्लिक अकाउंटेबिलिटी के स्तर को बनाए रखने के लिए पीएम केयर्स फंड में पारदर्शिता बेहद जरूरी है. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए फंड में योगदान करने वालों और उससे खर्च होने वाले आंकड़ों को सभी के लिए उपलब्ध कराना चाहिए.''

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पूर्व सिविल सेवा अधिकारियों के ग्रुप ने अपने पत्र में लिखा, ''हम सभी कोरोना महामारी से प्रभावित हुए लोगों को राहत देने के लिए बनाए गए पीएम केयर्स फंड और उससे जुड़ी बहसों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. जिस उद्देश्य के लिए ये फंड बनाया गया था और जिस तरह से उसको चलाया गया है ये दोनों चीजें कई सवालों का उत्तर दिए बिना छोड़ देती हैं.''

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पत्र में आगे लिखा है कि 'प्रधानमंत्री से संबंधित सभी चीजों में पारदर्शिता बरतकर, प्रधानमंत्री पद की साख और उसका सम्मान बनाए रखना जरूरी है'

प्रधानमंत्री के नाम लिखे गए इस पत्र पर पूर्व आईएएस अधिकारियों- अनीता अग्निहोत्री, एस.पी. एम्ब्रोस, शरद बेहर, सज्जाद हसन, हर्ष मंदर, पी.जॉय ओमन, अरुणा रॉय, पूर्व राजनयिक मधु भादुरी, केपी फेबियन, देब मुखर्जी, सुजाता सिंह के अलावा पूर्व आईपीएस अधिकारियों- ए.एस. दुलत, पी.जी.जे. नेमपुथिरी और जूलियो रिबेरो ने अपने हस्ताक्षर किए हैं.

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कोरोना महामारी के भारत में दस्तक दिए जाने के बाद केंद्र ने मार्च, 2020 में 'प्रधानमंत्री सिटिजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस (पीएम-केयर्स) फंड' की शुरुआत की थी. जिसका उद्देश्य किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने में नागरिकों की मदद लेना और पीड़ितों प्रभावितों को राहत पहुंचाना है.

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