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भारत जोड़ो से पहले आउट हुए आजाद, अब न्याय यात्रा से पहले निकले देवड़ा... दिग्गजों की रुखसती ने बिगाड़ा राहुल की सियासी यात्रा का मिजाज

राहुल गांधी पिछली दो बार से जब अपनी यात्रा शुरू करने जाते हैं, उससे पहले कांग्रेस के किसी न किसी बड़े नेता का इस्तीफा हो जाता है. भारत जोड़ो यात्रा के समय गुलाम नबी आजाद थे और अब न्याय यात्रा के समय मिलिंद देवड़ा.

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले गुलाम नबी ने कांग्रेस छोड़ी थी. न्याय यात्रा से पहले मिलिंद देवड़ा ने.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले गुलाम नबी ने कांग्रेस छोड़ी थी. न्याय यात्रा से पहले मिलिंद देवड़ा ने.

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' आज मणिपुर से शुरू हो रही है, जिसका समापन 20 मार्च को मुंबई में होगा. उसके पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना जॉइन कर सकते हैं. मिलिंद देवड़ा की कांग्रेस से रुखसत और गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे की कहानी में काफी समानता है. 

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दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने भी कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू होने से 11 दिन पहले पार्टी से इस्तीफा दिया था. आजाद ने 26 अगस्त 2022 को कांग्रेस की प्राथमिकता सदस्यता से त्यागपत्र दिया था, और यात्रा की शुरुआत 7 सितंबर से हुई थी. मिलिंद देवड़ा और गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे में एक और बहुत दिलचस्प समानता कांग्रेस की यात्रा के समापन स्थल को लेकर मिलती है. 

भारत जोड़ो यात्रा का समापन (30 जनवरी, 2023) जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुआ था. वहीं, भारत जोड़ो न्याय यात्रा का समापन (20 मार्च, 2024) को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में होना है. गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी जड़ें वहां से जुड़ी हैं. वहीं, मिलिंद देवड़ा मुंबई साउथ से सांसद रहे हैं. कर्मभूमि के साथ उनकी जन्मभूमि भी मुंबई ही है.

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मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस से इस्तीफे की क्या हो सकती है वजह?

दरअसल, मिलिंद जिस मुंबई दक्षिण सीट से पूर्व में कांग्रेस के सांसद रहे हैं, वह शिवसेना की भी पारंपरिक सीट रही है. मिलिंद 2014 और 2019 में यहां से चुनाव हार गए थे, जबकि शिवसेना (उद्धव गुट) के अरविंद सावंत यहां से दोनों बार जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. इस बार एमवीए के बैनर तले उद्धव सेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन में हैं. उद्धव सेना ने मुंबई साउथ सीट पर फिर अपना दावा ठोका है. चूंकि उसके नेता अरविंद यहां से लगातार दो बार से जीत रहे हैं, तो सीट पर उद्धव सेना की दावेदारी ज्यादा मजबूत नजर आ रही है.

ऐसे में मिलिंद देवड़ा को अपनी पारंपरिक सीट छोड़नी पड़ सकती थी, क्योंकि पिछले रिकॉर्ड भी उनके पक्ष में नहीं हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे सेना ने महायुती बनायी है. शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना बताती है, और उसके इस दावे पर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने भी अपनी मुहर लगा दी है. निर्वाचन आयोग पहले ही शिवसेना नाम और तीर-धनुष चिन्ह शिंदे गुट को दे चुका है. ऐसे में भाजपा के साथ सीट बंटवारे में महाराष्ट्र साउथ निर्वाचन क्षेत्र शिंदे गुट के खाते में जाएगी इसकी पूरी संभावना है. 

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शिंदे गुट को इस सीट पर एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश थी, जो यहां के मतदाताओं के लिए जाना-पहचाना चेहरा हो. अब इसके लिए देवड़ा से अच्छा उम्मीदवार और कौन हो सकता है, जो मुंबई साउथ से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. वहीं मिलिंद देवड़ा भी अपनी पारंपरिक सीट किसी कीमत पर गंवाना नहीं चाहते होंगे. कांग्रेस में रहते हुए उन्हें यह सीट गंवानी पड़ती, इसकी पूरी संभावना थी. शिंदे गुट में शामिल होने से उनका भी हित सध जाएगा. अगर सबकुछ ठीक रहा तो मुंबई दक्षिण सीट पर आगामी लोकसभा चुनाव में शिंदे सेना बनाम उद्धव सेना का मुकाबला देखने को मिल सकता है.

गुलाम नबी आजाद ने क्या बताई थी कांग्रेस छोड़ने की वजह?

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने की वजह सीधे तौर पर राहुल गांधी और उनके इर्द-गिर्द के कुछ नेताओं को बताया था. उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल पर तंज कसते हुए कहा था कि अगर वह इंदिरा-राजीव का 50वां हिस्सा भी होते तो कामयाब होते. आजाद ने अपने त्यागपत्र में राहुल गांधी को राजनीतिक तौर पर अपरिपक्व बताते हुए उनके अध्यादेश फाड़ने का भी जिक्र किया था. उन्होंने दावा किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी में बने रहने के लिए ‘रीढ़विहीन’ होने की जरूरत है. आजाद ने यह भी कहा था कि कांग्रेस में अब फैसले सोनिया गांधी नहीं लेतीं, बल्कि राहुल के कुछ 'चाटुकार' लेते हैं.

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