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Ghulam Nabi Azad resigns: गुलाम नबी आजाद ने छोड़ी कांग्रेस, सोनिया गांधी को भेजा 5 पन्नों का इस्तीफा

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. आजाद ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है. 

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गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा (फाइल फोटो)
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा (फाइल फोटो)

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. आजाद ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है.

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सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, "बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.'' गुलाम नबी आजाद ने कहा, भारत जोड़ों यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए.

सोनिया गांधी को लिखे 5 पेज के इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखीं ये बड़ी बातें
 
लंबे वक्त से नाराज थे आजाद

गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे. वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे. जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है. इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है. 

गुलाम नबी आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी चाहती थीं कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में आजाद के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़े. इसलिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन गुलाम नबी ने पद मिलने के कुछ घंटों के बाद ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम कयास लगाए जा रहे थे. 

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कई मुद्दों को लेकर गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के मतभेद आते रहे हैं. फिर चाहे वो अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बात रही हो या फिर कुछ मुद्दों पर पार्टी के स्टैंड पर. गुलाम नबी आजाद तो उस जी 23 का भी हिस्सा हैं जो पार्टी में कई बडे़ परिवर्तन की पैरवी करता है.

अध्यक्ष का चुनाव टलने के बाद लिया फैसला

गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा ऐसे वक्त पर दिया, जब कांग्रेस ने हाल ही में कुछ समय के लिए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव टाल दिया था. आजाद से पहले कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयवीर शेरगिल, जितिन प्रसाद, सुनील जाखड़, कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेता भी पार्टी छोड़ चुके हैं. 

ऐसा है आजाद का राजनीतिक करियर

गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को जम्मू कश्मीर के डोडा में हुआ. उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से M.Sc किया है. वे 1970 के दशक से कांग्रेस से जुड़े. वे 1975 में जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. 1980 में उन्होंने यूथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. वे पहली बार 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीते थे. इसके बाद उन्हें 1982 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. वे 1984 में भी इसी सीट से जीते. आजाद 1990-1996 तक महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे. वे नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री रहे. वे 1996 से 2006 तक जम्मू कश्मीर से राज्यसभा पहुंचे. वे 2005 में जम्मू कश्मीर के सीएम भी बने. हालांकि, 2008 में पीडीपी ने कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद आजाद की सरकार गिर गई थी. 

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आजाद मनमोहन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. 2014 में आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था. 2015 में आजाद को जम्मू कश्मीर से राज्यसभा भेजा गया था.  

शहजाद पूनावाला ने साधा निशाना

कांग्रेस से बीजेपी में आए शहजाद पूनावाला ने भी अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस दरबार कभी भी किसी 'आजाद' को  बर्दाश्त नहीं कर सकता, सिर्फ गुलाम चाहता है. 5 साल पहले मैंने कहा था कि कांग्रेस शुद्ध परिवार प्रदर्शन से ऊपर है यहां कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं है; कोई जवाबदेही नहीं; चाटुकारिता को योग्यता से ऊपर रखता है. आज मैं फिर से सही साबित हुआ हूं. 
 

 

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