कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि संसद सत्र बहुत ही मुश्किल परिस्थिति में शुरू होने जा रहा है. पूरे देश में डर का माहौल है, सासंदों की भी यही स्थिति है. दुनिया में परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं जिस पर संसद में चर्चा करना जरूरी है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा, लद्दाख में भारत और चीन की सेना आमने-सामने है और वहां तनाव का माहौल है. जीडीपी गिर चुकी है. महंगाई और नई शिक्षा नीति जैसे कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा जरूरी है. इन मुद्दों के बारे में देश की जनता जानना चाहती है, इसलिए संसद में इस पर चर्चा होनी चाहिए.
बता दें, संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है, लेकिन उससे पहले लोकसभा के पांच सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अभी और सांसदों का कोरोना टेस्ट चल रहा है. इस बार कोरोना संकट के चलते संसद सत्र में सब कुछ बदला-बदला सा नजर आएगा. संसद सत्र के दौरान कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. लोकसभा हर रोज 4 घंटे बैठेगी. ऐसे में शून्य काल की अवधि भी कम करके आधे घंटे कर दी गई है. सवालों का जवाब भी लिखित रूप में दिया जाएगा.
COVID, India-China are face to face in Ladakh & there is tension, GDP has tumbled, inflation, New Education Policy - there are multiple issues before the House that the citizens of this country would want to hear about & Parliamentarians would like to discuss: Ghulam Nabi Azad https://t.co/LTUJlKM4qS
— ANI (@ANI) September 13, 2020
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भी कहा है कि यह सत्र चुनौतीपूर्ण होने वाला है. ओम बिरला ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह सत्र हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन साथ में ऐतिहासिक भी होगा, क्योंकि व्यपाक सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए हम संसद चलाएंगे. ओम बिरला ने कहा, कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा और सफलतापूर्वक सत्र चलेगा. लोकसभा हर रोज 4 घंटे बैठेगी. ऐसे में शून्य काल की अवधि भी कम करके आधे घंटे कर दी गई है.