ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है. संसद में मंगलवार को सरकार ने लिखित में जवाब कहा है कि वो इसे बढ़ाने पर विचार कर रही है. DMK सांसद टीआर बालू ने सरकार से इसपर लोकसभा में जवाब मांगा था. अभी क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख है, सरकार इसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर सकती है.
सामाजिक कल्याण और आधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि केंद्र इस बाबत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से बात कर रहा है.
कृष्णपाल गुर्जर ने लोकसभा में कहा, "ओबीसी ग्रुप में क्रीमी लेयर के निर्धारण के लिए आयकर सीमा की समीक्षा विचाराधीन है."
बता दें कि अभी ओबीसी कैटेगरी में आने वाले वैसे लोगों को केंद्रीय शिक्षण संस्थानों और नौकरी में 27 प्रतिशत का लाभ मिलता है जो क्रीमी लेयर में नहीं आते हैं. क्रीमी लेयर में वैसे उम्मीदवार आते हैं जिनके माता पिता की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से ज्यादा है. ऐसे लोगों को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है. कह सकते हैं कि क्रीमी लेयर अथवा मलाईदार परत में आने वाले लोग ओबीसी कैटेगरी में होते तो हैं, लेकिन वे आर्थिक रूप से समृद्ध होते हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस नए प्रस्ताव में क्रीमी लेयर की कैटेगरी में आने के लिए वार्षिक आय की सीमा को 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख किया जा सकता है. इसका फायदा बड़े वर्ग को मिलेगा.
मंगलवार को लोकसभा में एक अन्य सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि सरकार ने एक कमेटी बनाई थी जो कि इस तथ्य का गहराई से अध्ययन कर रही थी कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, दिव्यांग कैटेगरी के सरकारी वैकेंसी क्यों नहीं भर पा रहे हैं, कमेटी से इस बाबत सुझाव भी मांगा गया था.
इससे पहले केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने पिछले साल कहा था कि सरकार ओबीसी में क्रीमी लेयर के आय की सीमा बढ़ाएगी.
2013 में यूपीए सरकार ने क्रीमी लेयर के लिए आय की सीमा 4.5 लाख से 6 लाख कर दी थी. इसके बाद सितंबर 2017 में मोदी सरकार ने इसे 8 लाख कर दिया.