भारतीय जनता पार्टी ने 24 घंटे से कम समय में गुजरात के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है. गुजरात के अहमदाबाद के घाटलोडिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक भूपेंद्र पटेल राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. भूपेंद्र पटेल 2017 में पहली बार ही विधायक बने हैं और चार साल गुजरते गुजरते बीजेपी आलाकमान ने उन्हें सीएम पद से नवाजा है.
गुजरात से जितनी आश्चर्यजनक पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की विदाई रही, उतना ही चौंकाने वाला रहा नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का नाम. मोदी-शाह और नड्डा की अगुवाई वाली बीजेपी ने यहां भी 'सरप्राइज' फैक्टर को बरकरार रखा. वो सरप्राइज फैक्टर जो मोदी-शाह ब्रांड बीजेपी की राजनीति का ट्रेडमार्क बन चुका है.
24 घंटे में कई नाम सीएम की रेस में आए
शनिवार को जब विजय रुपाणी ने कुर्सी छोड़ी तो उसी समय से कई नाम गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मीडिया और सोशल मीडिया में चल रहे थे. कभी नितिन पटेल को विजय रुपाणी का उत्तराधिकारी माना जा रहा था तो कभी चर्चा हो रही थी कि पीएम नरेंद्र मोदी केंद्र से स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को गुजरात में बतौर सीएम नई जिम्मेदारी दे सकते हैं.
24 घंटे में मीडिया, सोशल मीडिया और सियासत की गप्पों और कयासबाजियों में कई चेहरे सीएम पद की रेस के लिए उभरे. कभी गोरधन झड़पिया का पलड़ा लोगों ने भारी बताया तो कभी गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल इस रेस में आगे नजर आए.
मुख्यमंत्री पद की रेस में 23वें घंटे में तो एक और नाम अचानक से आया. ये नाम था रणछोड़ फालदू, रणछोड़ फालदू गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके थे और वे जामनगर से विधायक भी थे.
चर्चा में दूर-दूर तक नहीं थे भूपेंद्र पटेल
लेकिन जिस भूपेंद्र पटेल को पीएम मोदी और अमित शाह ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के गढ़ गुजरात में सीएम की जिम्मेदारी दी है, उनका नाम दूर दूर तक इस चर्चा में नहीं था. हां इतना तो तय है कि दिल्ली से मोदी-शाह का मैसेज लेकर अहमदाबाद में बीजेपी दफ्तर कमलम गए भूपेंद्र यादव को भूपेंद्र पटेल की इस ताजपोशी का अंदाजा जरूर था.
चौंकाने के लिए जानी जाती है मोदी-शाह की जोड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राजनीतिक फैसलों में अपने चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती है. पीएम मोदी और अमित शाह अपने निर्णयों में इतनी गोपनीयता रखते हैं कि इसकी हवा तक भी मीडिया को नहीं लग पाती है.
राष्ट्रपति और स्पीकर के नाम में भी चौंकाया
2022 में जब राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा की गई तो इस रेस में दूर दूर तक उनका नाम नहीं था. लेकिन अमित शाह ने अचानक राष्ट्रपति पद के लिए उनके नाम की घोषणा की तब वह बिहार के राज्यपाल थे.
इस तरह स्पीकर ओम प्रकाश बिरला का नाम है. जून 2019 में बीजेपी नेतृ्त्व ने राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिरला को लोकसभा के नए स्पीकर पद की जिम्मेदारी दी थी.
कर्नाटक और उत्तराखंड ताजा उदाहरण
जुलाई 2021 में जब बीजेपी ने उत्तराखंड में नेतृ्त्व बदला उस समय भी बीजेपी ने सबको चौंकाया था. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड सीएम की रेस में कहीं से भी नहीं थे. लेकिन बीजेपी नेतृत्व ने आश्चर्यजनक रूप से उनके नाम का ऐलान किया. इससे पहले यहां सीएम की रेस में सतपाल महाराज, धनसिंह रावत जैसे दिग्गज नेता थे.
अगर कर्नाटक की बात करें तो जुलाई 2021 में ही जब बीजेपी कर्नाटक में सीएम बदलने लगी तो एक बार फिर सरप्राइज फैक्टर सामने आया. यहां भी बीसी पाटिल, प्रह्लाद जोशी, सीटी रवि जैसे नाम आगे चल रहे थे लेकिन नेतृत्व ने बसवराज बोम्मई को सीएम पद की जिम्मेदारी दी.
दिल्ली में लिखी गई स्क्रिप्ट, अहमदाबाद में हुआ ऐलान
बीजेपी ने राज्य में आज विधायक दल की बैठक बुलाई थी. सभी विधायकों, नेताओं की राय पर्यवेक्षकों ने जानी, इस पर चर्चा हुई. विजय रुपाणी की राय ली गई. लेकिन बीजेपी ने अपने सबसे मजबूत ब्रांड स्टेट के सीएम का नाम दिल्ली में ही तय कर रखा था. गुजरात में इस बदलाव की स्क्रिप्ट दिल्ली में लिखी गई इसका मंचन अहमदाबाद में हुआ.