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यति नरसिंहानंद के भड़काऊ बयान पर राज्यसभा में हंगामा, वेंकैया नायडू ने मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने से रोका

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरसिंंहानंद की हेट स्पीच का मामला उठाया. उन्होंने बताया कि देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हेट स्पीच के मामले बढ़ रहे हैं. लेकिन राज्यसभा के सभापति ने कहा कि यह रिकॉर्ड में नहीं जा सकता.

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राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नरसिंहानंद ने जमकर की थी भड़काऊ बयानबाजी
  • सभापति ने कहा कि मैं इसकी इजाजत नहीं देता

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरसिंंहानंद की हेट स्पीच का मामला उठाया. उन्होंने नरसिंंहानंद ने भड़काऊ भाषण का जिक्र किया. वे चाहते थे कि इस मामले को नियम 267 के तहत लिया जाए और सदन में इस पर व्यापक चर्चा हो, लेकिन राज्यसभा के सभापति ने उन्हें बोलने नहीं दिया, क्योंकि उन्हीं आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में कर दिया था.

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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत, देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ रहे हेट स्पीच के मामलों और The Hindustan Gazette, Newslaundry, The Quint, और Article 14 से जुड़े पत्रकारों के प्रताड़ित किए जाने को लेकर नोटिस दिया है. ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हरिद्वार से दिल्ली तक यह क्रम जारी रहा. इसके साथ ही उन्होंने रविवार को दिल्ली में नरसिंंहानंद की मुसलमानों के खिलाफ दी गई टिप्पणी का भी जिक्र किया. 

'इस तरह की टिप्पणी रिकॉर्ड में नहीं जाएगी'

इसपर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी रिकॉर्ड में नहीं जाएगी. समुदाय से जुड़ी इस तरह की कोई बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी. तब मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये तो स्वामी के शब्द हैं.

इसपर सभापति ने कहा कि अगर स्वामी ने बेमतलब के शब्दों का इस्तेमाल किया है, तो हम उन्हें यहां इस्तेमाल नहीं कर सकते. आप इसे सदन में उठा रहे हैं और इस पर बहस कर रहे हैं कि किसने क्या कहा. यह सही नहीं है, इससे समस्या का हल नहीं होगा. सभापति ने कहा कि मैं इसकी इजाजत नहीं देता. किसी को भी, किसी भी तरह की हेट स्पीच में शामिल नहीं होना चाहिए, चाहे वह अल्पसंख्यक हों या बहुसंख्यक. समुदायों के खिलाफ नफरत नहीं फैलानी चाहिए. किसी को भी किसी के खिलाफ नफरत भरी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 

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इसके बाद सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने नहीं दिया और सभा की कार्यवाही आगे बढ़ा दी.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने जारी किया बयान

नेता प्रतिपक्ष ने आज बयान जारी करते हुए कहा है कि पिछले कुछ महीनों में दिल्ली, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कई अन्य स्थानों पर कट्टरपंथी संगठनों की ओर से बेहद आपत्तिजनक और नफरत भरे भाषण दिए गए हैं. हाल में एक विवादास्पद कार्यक्रम में एक विवादित साधु (जो हरिद्वार की हेट स्पीच मामले में जमानत पर है) ने बार-बार घृणित शब्दों का इस्तेमाल कर हिंदुओं को हथियार उठाने का आह्वान किया. इसी कार्यक्रम में वह व्यक्ति भी अग्रणी भूमिका में था, जो पिछले साल जंतर-मंतर पर आयोजित एक विवादित कार्यक्रम के आयोजकों में था. तब वहां सार्वजनिक तौर पर मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए थे. यह व्यक्ति भी जंतर मंतर की हेट स्पीच के मामले में जमानत पर बाहर है. इनके उकसावे पर सच्चाई दिखाने गए पत्रकारों को गालियां दी गईं और कायरतापूर्ण हमला किया गया जो बेहद निंदनीय है. इस घटना में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ा कार्रवाई की जानी चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि हमारे लोकतंत्र की बुनियाद रखने वालों ने धार्मिक सहिष्णुता को लोकतंत्र का आधार माना था. भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा को राज्य का कर्तव्य माना गया है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि वे समाज में नफरत और कट्टरता फैलाने वाले अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करें और समाज में ऐसी धार्मिक घृणा के प्रसार को रोका जाए.

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