scorecardresearch
 

हिमंत से लेकर सिंधिया, आजाद और अब बादल... जानिए कैसे दिग्गज नेताओं को खोती जा रही कांग्रेस 

कांग्रेस में इस्तीफे का दौर जारी है. अब पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस अच्छे नेताओं से लगातार खाली होती जा रही है. सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस के वर्षों से वफादार रहे नेता उनका साथ क्यों छोड़कर जा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर ने विपरीत विचारधारा वाली पार्टी बीजेपी को ज्वॉइन कर लिया है.

Advertisement
X
2014 से 2021 के बीच 116 कांग्रेसियों ने छोड़ दी पार्टी (फाइल फोटो)
2014 से 2021 के बीच 116 कांग्रेसियों ने छोड़ दी पार्टी (फाइल फोटो)

कांग्रेस के दिग्गज नेता लगातार पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. अब पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बुधवार को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर ली. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को संबोधित एक पत्र में उन्होंने लिखा कि दिल्ली में बैठे कुछ लोग पंजाब के मामलों को देख रहे हैं, जिससे केवल गुटबाजी बढ़ी है.

Advertisement

वहीं बीजेपी में शामिल होने के बाद मनप्रीत सिंह ने कहा कि आप उस पार्टी के साथ कैसे काम कर सकते हैं जो खुद से युद्ध कर रही है? यहां कई मंडलियां हैं. एक को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है, दूसरे को विधायक दल का नेता बनाया जाता है और ये गुट आपस में लड़ते हैं. हर राज्य में ऐसी स्थिति है, कांग्रेस का यही हाल है.

मनप्रीत सिंह बादल से पहले भी कई ऐसे नेता हैं, जो कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने 2015 में पार्टी छोड़ी तो गुलाम नबी आजाद ने पिछले साल सितंबर में इस्तीफा दे दिया था. उनसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, सुनील जाखड़, हार्दिक पटेल, एन बीरेन सिंह, प्रेमा खांडू, पीसी चाको और जयवीर शेरगिल कई दिग्गजों ने 'हाथ' का साथ छोड़ दिया है. 

Advertisement

हिमंत बिस्वा सरमा ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा था. वह 23 साल तक पार्टी से जुड़े रहे थे. उन्होंने 1,600 शब्दों के इस्तीफा के पत्र में कहा था- राहुल गांधी अहंकारी है. असम कांग्रेस के विधायक तरुण गोगोई को हटाना चाहते थे. वह स्वार्थी हैं और सनकी स्वभाव के हैं. मुझे और मेरी पत्नी को अपमानित किया गया. पार्टी परिवार की राजनीति को बढ़ावा देती है. इसने असम के लोगों के साथ विश्वासघात किया है.

वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस से अपना 18 साल का नाता खत्म कर दिया था. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए.उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा था, नेतृत्व की भूमिका के लिए उन्हें कांग्रेस आलाकमान नजरअंदाज कर रहा था. वह दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन राज्यसभा सीट के लिए भी कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया. वह अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना चाहते हैं लेकिन अब इस पार्टी रहकर ऐसा नहीं किया सकता है.

जानते हैं किस नेता ने क्यों पार्टी छोड़ी

गुलाम नबी आजाद: 26 अगस्त 2022 को इन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी को लिखे 5 पन्नों की पत्र में उन्होंने लिखा था कि राहुल गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने के बाद कांग्रेस के पूरे परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया है. आजाद 1975 से लेकर 2015 तक कई अहम पदों पर रहे थे. उन्होंने 1975 में जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में शुरुआत की वह 2015 में राज्यसभा सांसद बनाए गए थे.

Advertisement

जयवीर शेरगिल: 24 अगस्त को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में चाटुकारिता का आरोप लगाया था. शेरगिल ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा था- मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहे हैं. पार्टी में निजी हितों को प्राथमिकता मिल रही है, जबकि सार्वजनिक और राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की जा रही है.

कुलदीप बिश्नोई: हरियाणा के हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने पिछले साल 3 अगस्त को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. इससे पहले जून में कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित कर दिया था. उन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी-जेजेपी समर्थिक प्रत्याशी को सपोर्ट कर दिया था. इस्तीफे को लेकर कहा गया था कि वह हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे लेकिन अप्रैल में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के समर्थक पूर्व विधायक उदयभान को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया, यह बात कुलदीप को रास नहीं आई. उन्होंने राहुल गांधी से मिलने  के लिए वक्त मांगा लेकिन नहीं मिला.

Advertisement

कपिल सिब्बल: 16 मई 2022 को इन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. उन्होंने पार्टी छोड़ते वक्त कहा था- कांग्रेस और मेरे रिश्तों में कोई खटास नहीं है. कांग्रेस से इस्तीफा देने की कोई वजह नहीं है, लेकिन इस्तीफा देने का वक्त आ गया था. मुझे अगर निर्दलीय के तौर पर सदन में जगह मिलती है तो मैं एक आजाद प्रतिनिधि के तौर पर संसद में आवाज उठाउंगा'. वह केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्र, टेलीकॉम मंत्री थे. 2009 में उन्होंने चांदनी चौक से दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता था. 

सुनील जाखड़: 14 मई 2022 में उन्होंने कांग्रेस से 50 साल का नाता तोड़ दिया था. उन्होंने कहा था कि उनके परिवार की 3 पीढ़ियों ने कांग्रेस की सेवा की लेकिन पार्टी के सभी पद उनसे छीन लेने से उनका दिल टूट गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि अंबिका सोनी ने पार्टी का बेड़ा गर्क कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस के चिंतन शिविर पर भी सवाल खड़े किए थे. बीजेपी में जाने से पहले उन्होंने कहा कि उन्हें राष्ट्रवाद का साथ देना है. वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष, अबोहर से 2002 से 2017 तक तीन बार चुने गए, 2012 से 2017 तक विपक्ष के नेता रहे. 

हार्दिक पटेल: 18 मई 2022 को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा था कि यह कदम उठाने के लिए बहुत हिम्मत जुटानी पड़ी. उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी देशहित और समाज हित के बिल्कुल विपरीत काम कर रही है. कांग्रेस पार्टी विरोध की राजनीति तक सीमत हो गई है. कांग्रेस राम मंदिर निर्माण, CAA-NRC, धारा 370, जीएसटी लागू करने में बाधा थी, जब देश संकट में था, तब हमारे नेता विदेश में थे. हार्दिक ने 2020 में कांग्रेस ज्वॉइन की थी. वह गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष थे. अब वह बीजेपी में हैं.

Advertisement

अश्विनी कुमार: 15 फरवरी 2022 को इन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. उन्होंने इस्तीफा सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजते हएु कहा था कि वे पार्टी के बाहर रहकर समाज की अब ज्यादा सेवा कर पाएंगे. वह कांग्रेस के साथ 46 साल तक जुड़े रहे. वह 2002 से 2016 तक राज्यसभा के सांसद थे. वह पूर्व में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री, केंद्रीय औद्योगिक नीति, संवर्धन विभाग में राज्य मंत्री और वाणिज्य-उद्योग मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. 

आरपीएन सिंह: राहुल गांधी की कोर टीम में शामिल रहे आरपीएन सिंह ने 25 जनवरी को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी. उन्होंने कहा था- 32 सालों तक मैं ईमानदारी से एक पार्टी में रहा,पूरी लगन से मेहनत की लेकिन जिस पार्टी में इतने साल रहा अब वो पार्टी रह नहीं गई और न वो सोच रह गई जहां मैंने शुरुआत की थी. वह 1996 से 2009 तक पडरौना से कांग्रेस के विधायक रहे. 2009 में कुशीनगर से लोकसभा सांसद चुने गए. वह यूपीए-2 सरकार में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और गृह राज्य मंत्री थे. 2014 और 19 के चुनाव में वह हार गए थे. सितंबर 2020 में उन्हें झारखंड और छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया था. 

Advertisement

नौ साल में इन्होंने भी छोड़ दी कांग्रेस

पिछले साल जारी एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2014 और 2021 के बीच हुए चुनावों के दौरान 222 चुनावी उम्मीदवारों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, जबकि 177 सांसदों और विधायकों ने पार्टी को अलविदा कह दिया था. इसके अलावा 2016 और 2020 के बीच दलबदल करने वाले लगभग 45 प्रतिशत विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे.

2022: गुलाम नबी आजाद, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह, जयवीर शेरगिल, नरेश रावल, राजू परमार, कपिल सिब्बल, सुनील जाखड़, हार्दिक पटेल

2021: अमरिंदर सिंह, कीर्ति आजाद, पीसी चाको, अभिजीत मुखर्जी, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, गोविंददास, विजयन थोमस, ए नमस्सिवयम, वीएम सुधीरन, लुइजिन्हो फलेरो, मुकुल संगमा, अदिति सिंह, रवि एस नाइक, ललितेश त्रिपाठी 

2020: ज्योतिरादित्या सिंधिया, खुशबू सुंदर

2019: उर्मिला मातोंडकर, संजय सिंह, प्रियंका चतुर्वेदी, नारायण राणे, एसएम कृष्णा, मौसम नूर, अल्पेश ठाकुर, कृपाशंकर सिंह, पनाबाका लक्ष्मी, एपी अब्दुल्लाकुट्टी (निष्कासित), राधाकृष्ण विखे पाटिल, भुवनेश्वर कलिता, टॉम वडक्कन, चंद्रकांत कवलेकर

2018: अशोक चधौरी, यानथुंगो पैटन, अलेक्जेंडर लालू हेकी

2017: एनडी तिवारी, शंकरसिंह वाघेला, रवि किशन, बरखा शुक्ला सिंह, यशपाल आर्य, विश्वजीत राणे

2016: रीता बहुगुणा जोशी, विजय बहुगुणा, एन बिरेन सिंह, अजित जोगी, पेमा खांडू, हरक सिंह रावत, सुदीप रॉय बरमन

2015: जयंती नटराजन, हिमंत बिस्व सरमा, गिरिधर गमंग, अब्दुल गनी वकील

Advertisement

2014: जगदंबिका पाल, सत्पाल महाराज, जीके वसन, दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, बिरेंदर सिंह, 

Advertisement
Advertisement