समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले कुछ दिनों से अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में हैं. सपा नेता स्वामी प्रसाद ने अब नया बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर किसी और धर्म का व्यक्ति किसी की गर्दन काटने या जीभ काटने का बयान देता तो धर्मगुरु और संत-महंत उसे आतंकवादी घोषित कर देते हैं, लेकिन आज यही लोग मेरा सिर काटने, जीभ काटने की बात कर रहे हैं, तो क्या मैं इन्हें शैतान, जल्लाद या फिर आतंकी समझूं.
दरअसल, स्वामी प्रसाद ने हाल ही में रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. रवींद्र कुशवाहा ने कहा कि वह भाजपा का विरोध करते हुए हिंदू धर्म के खिलाफ ओछी बयानबाजी कर रहे हैं. हिंदू इस कृत्य को स्वीकार नहीं करेंगे.
बीजेपी सांसद बोले- स्वामी प्रसाद को इस्लाम अपना लेना चाहिए
सलेमपुर से भाजपा के लोकसभा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने कहा कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को इस्लाम अपना लेना चाहिए और अपनी बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा को लोकसभा से इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए. रवींद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य में कुछ नैतिकता है, तो उन्हें तुरंत इस्लाम स्वीकार कर लेना चाहिए और उनके पूरे परिवार को इसका पालन करना चाहिए. हिंदू होने के नाते स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं. सनातन धर्म के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे.
लखनऊ में दर्ज हुई थी FIR
स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस वाले बयान के बाद जमकर हंगामा हुआ था. इतना ही नहीं, लखनऊ में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. पुलिस के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी कि आईपीसी की धारा 295 ए, 298, 504 और 153 के तहत दर्ज किया गया था.
'हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति'
हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद कहा था कि उन्होंने न तो भगवान राम का अपमान किया है, ना ही रामचरितमानस का अपमान किया है, उन्होंने कहा कि हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति है. स्वामी प्रसाद ने कहा था कि उन्होंने किसी ग्रंथ या भगवान के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है. मैं अपने बयान पर कायम हूं. हमने रामायण की उन चौपाइयों पर आपत्ति जताई है, जिसमें दलितों और पिछड़ों को अपमानित किया गया है, उस अंश को रामचरितमानस से निकालने की बात कही है.
'विशेष जाति के लोग ही कर रहे विरोध'
स्वामी प्रसाद ने कहा था कि संत-महंतों को धर्म आचार्यों को, बड़े-बड़े पुजारी पंडों को अगर गाली नहीं अच्छी लगती है, तो हम को कैसे गाली अच्छी लगेगी. साथ ही कहा कि विशेष जाति के लोग ही उनका विरोध कर रहे हैं. पंडे, पुजारियों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर मेरे कहने पर दलित और पिछड़े एक हो गए तो लोग मंदिर आना बंद कर देंगे, जिससे चढ़ावा और पेट पूजा बंद हो जाएगी. उनका धंधा ठप हो जाएगा.
स्वामी प्रसाद की बेटी ने किया था पिता का समर्थन
वहीं, बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य अपने पिता के समर्थन में आईं थीं, उन्होंने कहा था कि हिंदू महाकाव्य के कुछ हिस्सों पर बहस होनी चाहिए. उनके पिता रामचरितमानस की कुछ चौपाईयों को आपत्तिजनक बताते हैं, इस पर विद्वानों के साथ चर्चा की जानी चाहिए.
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