कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन 18वें दिन में प्रवेश कर गया है. केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है. केंद्र सरकार किसानों से कई दौर की वार्ता कर चुकी है, लेकिन किसान कानून रद्द करने से कम किसी भी शर्त पर तैयार नहीं हैं.
इस बीच गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर रविवार को बार फिर फिर सक्रिय हुए. अमित शाह ने पहले पंजाब बीजेपी के नेताओं से मुलाकात की. इस मीटिंग में अश्विनी शर्मा, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश समेत पंजाब बीजेपी के कई नेता शामिल रहे. इन नेताओं ने किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री पंजाब की जमीनी स्थिति की जानकारी दी.
Union Ministers @nstomar & Som Parkash met Home Minister @AmitShah at his residence in Delhi regarding farmers’ issue. pic.twitter.com/l8ZWb6X6tY
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) December 13, 2020
इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिले. इस दौरान किसान आंदोलन पर चर्चा हुई. इस मीटिंग से जुड़े और अपडेट का इंतजार है.
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रविवार को ही केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा है कि प्रदर्शन को लेकर जिद पर अडे किसान यूनियन के नेता अप्रसांगिक हो जाएंगे. केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि संभव ये भी है कि ये नेता यूनियन पर अपना नियंत्रण ही खो दें और दूसरे किसान नेता उभर जाएं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो नेता समय रहते हुए फैसले नहीं लेते हैं और नेता रहने के योग्य ही नहीं रह जाते हैं.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो कुछ अहम लोग आज नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं वो सिर्फ विरोध के लिए इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यही वे लोग थे जो कुछ दिन पहले ऐसे कानूनों की जरूरत बता रहे थे. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बीजेपी जनता को बताएगी कि ये कानून कैसे उनके लिए फायदेमंद होने वाला है.