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AFSPA: नगालैंड पर बनी कमेटी 45 दिन में देगी रिपोर्ट

अफस्पा (AFSPA) की समीक्षा के लिए सोमवार को गृह मंत्रालय ने विशेष समिति का गठन कर दिया है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिसंबर की शुरुआत में हुई थी घटना
  • लंबे समय से अफस्पा हटाने की मांग


नगालैंड में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) हटाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है. इसी महीने  इसी महीने 4-5 दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में एक अप्रिय घटना हुई थी. इसके बाद विवाद गहराता गया. लिहाजा इस पर रिव्यू करने के लिए गृह मंत्रालय ने विशेष समिति का गठन भी कर दिया है. यह कमेटी अपनी रिपोर्ट 45 दिन में सौंपेगी.

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रविवार को नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 23 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में एक बैठक हुई. राज्य सरकार सभी वर्गों से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील करती है. बता दें कि समिति में 5 सदस्य होंगे. इसकी अध्यक्षता गृह मंत्रालय के सचिव स्तर के अफसर विवेक जोशी करेंगे.

बता दें कि नगालैंड के मोन जिले में स्थित ओटिंग के तिरु में 4 दिसंबर को सेना के जवानों ने गोलीबारी की. सेना ने उग्रवादियों के शक में खदान से लौट रहे मजदूरों पर गोलियां चला दीं. 

गोलीबारी में कुल 14 लोग मारे गए थे

गोलीबारी में उसी वक्त 6 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया.  जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में और कुछ लोग मारे गए.   इस पूरी घटना में कुल 14 आम नागरिकों की मौत हो गई. इस घटना के बाद से ही नगालैंड से अफस्पा हटाने की मांग तेज गई. 

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इन राज्यों में लागू किया गया था अफस्पा

AFSPA को असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर समेत कई हिस्सों में लागू किया गया था. हालांकि, बाद में समय-समय पर कई इलाकों से इसे हटा भी दिया गया. 

 

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