केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 के मंच पर हर सवाल का बेबाकी से जवाब देते हुए कार की स्पीड लिमिट को न बढ़ा पाने पर चिंता जताई तो दुनिया में सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट भारत में होने पर अफसोस भी जाहिर किया. इस दौरान गडकरी ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि सबसे ज्यादा हादसे हमारे यहां होते हैं और मैं ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर हूं. हालांकि, उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट में कमी आए इसके लिए समाज और लोगों के सहयोग की जरूरत है.
भारत में पांच लाख एक्सीडेंट होते हैं
नितिन गडकरी ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट हिंदुस्तान में होते हैं. हर साल पांच लाख एक्सीडेंट होते हैं, जिसमें डेढ़ लाख मौते हो जाती हैं. एक्सीडेंट में करीब तीन लाख लोगों के हाथ पैर टूट जाते हैं. एक्सीडेंट के मामलों में कमी आए इसके लिए बहुत कोशिश कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट के मामलों में अभी तमिलनाडु में 50 फीसदी तक की कमी आई है और एक एनजीओ के सहयोग से मुंबई-पुणे हाइवे पर भी 50 फीसदी कमी आई है.
एक्सीडेंट में मरने वाले हर उम्र के लोग
उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा हूं. एक्सीडेंट में मरने वाले 18 साल के 65 साल के लोग हैं. एक्सीडेंट न रोक पाने के लिए बहुत दुखी हूं और कम कैसे हो इसी कोशिश में लगा हूं. युद्ध स्तर पर काम कर रहा हूं, पर जितना काम होना चाहिए वो नहीं हो पा रहा है. गडकरी ने कहा कि अभी यह कोशिश कर रहा हूं कि रोड पर एयर एंबुलेंस खड़ी रहे और कोई एक्सीडेंट हो तो फौरन उसे एयरलिफ्ट कर हॉस्पिटल लाया जाए ताकि उसकी जान बचाया जा सके.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रोड पर होने वाले एक्सीडेंट मामलों में अभी यह कोशिश कर रहा हूं कि उनके लंग्स, हार्ट और लीवर का ट्रांसप्लांट करा सकें ताकि दूसरे लोगों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि रोड एक्सीडेंट की दिशा में जितना काम होना चाहिए वो नहीं हो पाए उसका मुझे अफसोस है. लेकिन, एक्सीडेंट में कमी के लिए मैंने बहुत कोशिश की और अभी भी कोशिश कर रहा हूं. समाज और सबका सहयोग मिलेगा तो शायद कुछ कमी ला सकूंगा.
एक्सप्रेस-वे पर कार स्पीड बढ़ाने का प्लान
वहीं, नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में गाड़ियों की स्पीड लिमिट का पैरामीटर हमारे लिए एक बड़ी चुनौतियों में से हैं. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कार स्पीड को लेकर कुछ फैसले हैं, जिसके चलते हम कुछ कर नहीं पा रहे हैं. देश में आज ऐसे-ऐसे एक्स्प्रेस-वे बन गया है, जिस पर दो सौ की स्पीड में गाड़ी चलाई जा सकती है. रोड को भी काफी सुरक्षित बनाया गया और हाईवे के दोनों को बैरेकेडिंग कर दी गई है. ऐसे में हमने प्लान बनाया है कि गाड़ियों के स्पीड के लिए संसद में जाउंगा को बिल बनाकर सारे पैरामीटर बदल दूंगा.
उन्होंने कहा कि स्पीड को लेकर एक मानसिकता बनी हुई है कि कार की स्पीड बढ़ी तो एक्सीडेंट हो जाएगा. इस परसेप्शन से बाहर निकलना है, जिसके लिए हम फाइल तैयार करा रहे हैं. इसमें एक्सप्रेस-वे से लेकर हाईवे और शहरों व जिलों की सड़कों की स्पीड लिमिट तैयार कर रहे हैं. लोकतंत्र में हमें कानून बनाने का अधिकार है और उस पर जजों को निर्णय करने का अधिकार है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मेरा व्यक्तिगत मत है कि एक्सप्रेस वे और हाइवे पर कारों की स्पीड लिमिट 120 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए. ऐसे ही नेशनन हाइवे जो फोर लाइन की सड़कों पर स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा, प्रदेश के हाईवे पर टू-लाइन सड़कों पर 80 किलोमीटर प्रतिघंटा और शहरों की सड़कों पर स्पीड 75 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं तकनीकी तौर पर लिमिट 200 किमी कर सकता हूं, लेकिन सवाल हमारे ऊपर उठने लगेंगे.