पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 को संबोधित करते हुए राज्य की ममता सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राज्य में डर का माहौल है, इमरजेंसी की हालत है और यह कानून-संविधान के शासन से परे जा रहा है. उनके द्वारा कही गई प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
1. डर का माहौल
उन्होंने कहा कि राज्य में इतना डर है कि कोई डर के मारे इस डर की भी चर्चा नहीं करता. हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हुए हैं, कोई भी पखवाड़ा ऐसा नहीं होता जिसमें राज्य में कोई न कोई नागरिक वैध बम से न मर रहा हो. राज्य में हर तरफ डर का माहौल है. उन्होंने कहा कि राज्य में इमरजेंसी की हालत है. मीडिया, ब्यूरोक्रेसी सभी डरे हुए हैं. यह डर समाज के हर वर्ग में है, अमीर हो या गरीब, किसी भी वर्ग का हो.
2. राज्य में इमरजेंसी की हालत
राज्य में शासन संविधान और कानून के शासन के बाहर जा रहा है. यह गवर्नर से बेहतर कोई नहीं जानता. उन्होंने कहा कि राज्य में इमरजेंसी की हालत है. हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हुए हैं, कोई भी पखवाड़ा ऐसा नहीं होता जिसमें राज्य में कोई न कोई अवैध बम से न मर रहा हो.
3. राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह काम कर रही ब्यूरोक्रेसी
उन्होंने कहा कि राज्य की ब्यूरोक्रेसी फ्रंटलाइन राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है. ब्यूरोक्रेसी 24 घंटे राजनीतिक कमिटेमेंट के साथ काम कर रही है. राज्य में दो दर्जन रिटायर्ड आईपीएस को राजनीतिक पोस्ट दिया गया है.
4. उद्योग-धंधे में पिछड़ा
जगदीप धनखड़ ने कहा कि दशकों पहले राज्य औद्योगीकरण में नंबर एक था, आज यहां उद्योग,रोजगार, सर्विस सेक्टर की हालत चिंताजनतक है. बहुत सारे मसले हैं. मैं जो बता रहा हूं वह आइसबर्ग का एक टिप है सिर्फ. पिछले दस साल में कोई बड़ा उद्योगपति राज्य में नहीं आया. राज्य में इतना भ्रष्टाचार है कौन उद्योगपति आएगा?
5. विकास का धोखा
उन्होंने कहा कि 2015 के बाद पांच बंगाल ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट हुए, 12.30 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वायदा था. हमने सरकार से यह जानकारी मांगी कि जो निवेश का आंकड़ा दिया जा रहा है, वह कहां हो रहा है. लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं मिली. कोलकाता शहर में जिन फ्लाइओवर के बनने का साल 2017 में ऐलान किया गया था, फिर उसी का ऐलान किया जा रहा है. इस महीने ताजपुर पोर्ट के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाया गया, किसी ने बताया कि दो साल पहले भी इसी के लिए एक्सप्रेसशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाया गया था.
6. सिंडिकेट-माफिया की सेवा में लगे हैं सरकारी कर्मचारी
उन्होंने कहा कि राज्य की सरकारी मशीनरी सिंडिकेट चला रही है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशंस ने मुझे बताया कि 3000 रुपये का एक रसीद लेकर कहीं भी ट्रक घुमाइए कोई सवाल नहीं करेगा. राज्य के खजाने से तनख्वाह लेने वाले कर्मचारी सिंडिकेट-माफिया की सेवा में लगे हैं. गिट्टी के लिए 10 हजार रुपये, कोयले के लिए 20 हजार रुपये, रेट खुला हुआ है.
7. किसान सम्मान निधि को रोका
उन्होंने कहा कि पूरे देश में 9 करोड़ किसानों को 14 हजार रुपये की किसान सम्मान निधि दी गई. लेकिन बंगाल के 70 लाख किसानों को एक पैसा नहीं मिल पाया है. राज्य में किसान को सम्मान निधि देने से रोका जा रहा है. राज्य सरकार डेटा शेयर नहीं कर रही है. राज्य में किसानों को 10 हजार करोड़ रुपया नहीं मिल पाया है. मैंने सीएम से बात की और उनको लेटर भी लिखा. राज्य में अन्नदाता के पेट पर लात क्यों मारी जा रही है?
8 . राज्यपाल को जानकारी नहीं दे रही सरकार
उन्होंने कहा कि सूचना देने में 100 फीसदी फेल है राज्य सरकार. मुझे कोई सूचना, कोई रिपोर्ट नहीं मिल पाती. सभी रिपोर्ट्स को ममता सरकार द्वारा रोक दिया जाता है. मैंने कई बार राज्य से जुड़े मामलों को लेकर अफसरों से रिपोर्ट मांगी लेकिन नहीं मिली.
9 . चुनाव निष्पक्ष कैसे होगा
उन्होंने कहा कि जब डर का माहौल है तो लोकतंत्र, संविधान का मतलब क्या है? मैं लोगों को इस नाउम्मीदी के साथ नहीं देख सकता कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव, बिना हिंसा के चुनाव नहीं हो सकते. राज्य में कोई भी चुनाव हिंसा के बिना नहीं हो पाता. साल 2018 के राज्य के पंचायत चुनाव लोकतंत्र के लिए शर्म की बात थी. 2019 के लोकसभा चुनाव के हर चरण में हिंसा हुई. 2021 का चुनाव एक महायज्ञ है और इसमें सबको अपनी आहुति देनी है. सरकारी वाहन, सरकारी पद का इस्तेमाल राजनीति के लिए हो तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन मुझे चुनाव आयोग पर भरोसा है.
10. क्या राज्यपाल शासन होना चाहिए
क्या राज्य में राज्यपाल शासन होना चाहिए, इस पर धनखड़ ने कहा कि इसे पब्लिक डोमेन में इस पर बात नहीं कर सकता, लेकिन राज्य की जो हालत चिंताजनक है. ये ऐसा राज्य है जहां सफाई जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य से सैनिक सेवाओं में जाने वाले 40 फीसदी लोग यहां वापस नहीं आते, क्योंकि यहां कोई अवसर नहीं हैं.