महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave) के दूसरे दिन नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शिंदे गुट) के नेता और NCP के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने शिरकत की. उनसे पूछा गया कि एनसीपी पर कब्जे को लेकर अभी चुनाव आयोग का फैसला नहीं आया है फिर आप कैसे दावा कर रहे हैं कि पार्टी का अधिकार आपको ही मिलेगा. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला चुनाव आयोग के माध्यम से होगा और कल (6 अकटूबर) को इस मामले की सुनवाई होने वाली है. इसलिए भविष्यवाणी करने की जगह इंतजार करना ठीक होगा.
उनसे जब यह पूछा गया कि एनसीपी के वकील भी वहीं है, जो शिंदे गुट के थे तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वकील का काम फीस लेना और क्लाइंट के लिए काम करना होता है. वकील फिक्स नहीं होते. अपने बयान के बारे में उन्होंने कहा,'मैंने यह कहा था कि आज नहीं तो कल फैसला हमारे पक्ष में ही होगा. यह बात दूसरा पक्ष भी कह सकता है.' उन्होंने आगे कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि पार्टी सिंबल के लिए याचिका शरद पवार बनाम अजित पवार है. पटेल ने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर चुनाव की जो प्रक्रिया होनी चाहिए वह पहले कभी हुई ही नहीं.
प्रफुल्ल पटेल से शरद पवार के उस आरोप के बारे में भी पूछा गया, जो कल पवार ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में ही लगाए थे. दरअसल, पवार ने दावा किया था कि एनसीपी छोड़ने वालों ने जांच एजेंसियों के डर के कारण उनका साथ छोड़ा था. इस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का फैसला हमने तत्काल नहीं किया था. हमारी पार्टी में बीजेपी के साथ जाने के मामले में कई बार बातचीत हुई थी. इसलिए यह कहना गलत है कि 6-7 लोगों को परेशानी थी. शरद पवार से बाद करने जो लोग आखिरी बार गए थे. वे भी यह कहने के लिए गए थे कि आप हमारे साथ आ जाइए. उस समय हमें नहीं पता था कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि एनसीपी विधायक पहले ही बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने शरद पवार को चिट्ठी भी लिखी थी.
उन्होंने आगे कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने एनसीपी को नेचुरली करप्ट पार्टी कहा था. इसके बाद भी विधानसभा चुनाव के बाद हमने बीजेपी को बिना शर्त सपोर्ट किया. 2014 में हमारे खिलाफ कोई केस नहीं था, तब भी हम उन्हें सपोर्ट कर रहे थे. 2014 से पहले यूपीए की सरकार दिल्ली में होते हुए भी मोदी के सबसे अच्छे संबंध शरद पवार से ही थे. बीजेपी के साथ सरकार बनाने के सवाल पर पटेल ने कहा कि सबसे ज्यादा हल्की बात शरद पवार को अगर किसी ने बोली हैं तो वह बाल ठाकरे ने ही कहीं हैं. फिर उनके साथ मिलकर सरकार क्यों बनाई गई. शिवसेना और एनसीपी एक सिक्के के दो पहलू हैं. लेकिन वह भी एक साथ आ गए थे ना.
उन्होंने आगे कहा,'जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब मेरी उनसे बात हुई थी. हमने कहा कि हमे आधे समय के लिए सीएम पद मिलना चाहिए. शिवसेना के पास 56 विधायक हैं तो हमारे पास भी 54 हैं. उन्होंने कहा था कि जाओ बात करके आओ. इसके बाद मैंने दूसरा प्रस्ताव दिया था कि तीन साल के लिए सीएम पद उद्धव रख लें और दो साल के लिए हमें दे दें. क्या अगले चुनाव में एनडीए गठबंधन जीत जाता है तो अजित पवार महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे? इस सवाल के जवाब में प्रफुल्ल ने कहा कि आगे कुछ भी हो सकता है, लेकिन वर्तमान में सिर्फ एकनाथ शिंदे ही सीएम हैं, जिन्हें सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी यानी सबसे बड़ी पार्टी ने सीएम बनाया है.