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गठबंधन का नाम 'INDIA' रखने का किसने दिया प्रस्ताव, क्यों नाराज हुए नीतीश कुमार... बैठक की Inside Story

बैठक में विपक्षी गठबंधन का नाम टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने सुझाया. राहुल गांधी ने इस पर समर्थन दिया. हालांकि, इसके बाद I.N.D.I.A के फुल फॉर्म पर चर्चा हुई और इसका फुलफॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस तय किया गया. नीतीश कुमार ने INDIA नाम पर कड़ा ऐतराज भी जताया.

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ममता बनर्जी और राहुल गांधी (फोटो- पीटीआई)
ममता बनर्जी और राहुल गांधी (फोटो- पीटीआई)

2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्ष एकजुट होने की कोशिश में लगा है. इसी क्रम में बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को कांग्रेस ने विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई थी. इस बैठक में 26 दलों के नेता शामिल हुए. बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बन रहे इस विपक्षी गठबंधन को I.N.D.I.A यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस नाम दिया गया. खास बात ये है कि गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखने में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और राहुल गांधी की अहम भूमिका रही.  

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सूत्रों के मुताबिक, बैठक में विपक्षी गठबंधन का नाम टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने सुझाया. राहुल गांधी ने इस पर समर्थन दिया. हालांकि, इसके बाद I.N.D.I.A के फुल फॉर्म पर चर्चा हुई और इसका फुलफॉर्म इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस तय किया गया. गठबंधन का नाम तय होने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह एक सामूहिक प्रयास था. मुझे नहीं लगता कि हम इसका कोई श्रेय ले रहे हैं, लेकिन हां, यह विचार राहुल गांधी की ओर से आया था.  

 

नीतीश कुमार ने नाम का किया विरोध

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में नीतीश कुमार ने INDIA नाम पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि इस नाम का क्या मतलब है? माना जा रहा है कि नीतीश की आपत्ति अंग्रेजी में नाम को लेकर थी. इतना ही नहीं कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से गठबंधन के नाम पर भी कोई चर्चा नहीं की गई, ऐसे में नीतीश इससे भी परेशान हैं. जानकारों की मानें तो सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में नीतीश कुमार की अभी तक अहम भूमिका रही है. लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से गठबंधन को हाईजैक किया, उससे जदयू और आरजेडी नेताओं में नाराजगी है. 

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इतना ही नहीं नीतीश कुमार, लालू यादव और तेजस्वी यादव बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल नहीं हुए. ऐसे में बीजेपी का दावा है कि नीतीश कुमार नाराज होकर बेंगलुरु से लौट आए. हालांकि, गठबंधन के नेताओं की ओर से बताया गया कि नीतीश, लालू और तेजस्वी को फ्लाइट पकड़नी थी. इसलिए वे जल्दी लौट आए. 

राहुल ने बताई नाम के पीछे की वजह

बैठक के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन को INDIA नाम क्यों दिया गया, इसकी वजह बताई. उन्होंने कहा, ये लड़ाई विपक्ष और बीजेपी के बीच नहीं है. लड़ाई बीजेपी की विचारधारा और उनकी सोच के खिलाफ है. वो देश पर हमला कर रहे हैं. बेरोजगारी फैल रही है. ये लड़ाई देश के लिए है इसलिए इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (INDIA) नाम चुना गया.

मुंबई में तय होगा गठबंधन का चेयरपर्सन

गठबंधन की अगली बैठक मुंबई में हो सकती है. बेंगलुरु बैठक में सुझाव दिया गया है कि गठबंधन का एक चेयरपर्सन (संयोजक) होना चाहिए. बताया जा रहा है कि इस मुद्दे पर मुंबई में चर्चा होगी और एक नाम पर मुहर लगेगी. 

'जीतेगा भारत' रखी गई टैगलाइन 

गठबंधन का नाम 'INDIA' रखने के बाद इसकी टैगलाइन Jeetega Bharat (जीतेगा भारत) रखी गई है. इसका लक्ष्य है कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना. बताया जा रहा है कि जीतेगा भारत (भारत जीतेगा) पर अंतिम फैसला कल देर रात विचार-विमर्श के बाद लिया गया. टैगलाइन को कई क्षेत्रीय भाषाओं में दिखाया जाएगा.

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बीजेपी ने नीतीश पर साधा निशाना

उधर, बीजेपी ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि नीतीश कुमार नाराज होकर बेंगलुरु से लौट आए.  सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, नीतीश और लालू प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिना भाग लिए क्यों निकल गए. कहीं वे संयोजक न बनाने से नाराज तो नहीं.

वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने ट्वीट कर कहा, सुने हैं बिहार के महाठगबंधन के बड़े-बड़े भूपति बेंगलुरु से पहले ही निकल आए. दूल्हा तय नहीं हुआ, फूफा लोग पहले ही नाराज हो रहे. 

इतिहास में दर्ज होगा नीतीश का नाम- RJD

नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों पर आरजेडी ने प्रतिक्रिया दी है. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि इन सब बातों में कोई दम नहीं है. नीतीश के माथे विपक्षी एकजुटता का सेहरा बंध चुका है. नीतीश का नाम इतिहास में दर्ज रहेगा. पटना से उन्होंने इसकी शुरुआत की थी. बीजेपी विपक्षी एकजुटता से घबरा गई है. 

बैठक में शामिल हुए 26 दल

कांग्रेस ने 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक बुलाई थी. 17 जुलाई को कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने विपक्षी नेताओं के लिए डिनर रखा था. इसके अगले दिन यानी 18 जुलाई को गठबंधन की रणनीति पर चर्चा के लिए 26 विपक्षी दलों के नेता जुटे. 

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बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट), सीपीआई, सीपीआईएम, जदयू, डीएमके, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, आरएलडी, सीपीआई (ML), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (M), मनीथानेया मक्कल काची (MMK), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरला कांग्रेस, केएमडीके, एआईएफबी, अपना दल कमेरावादी के नेता शामिल हुए. 

 

 

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