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वो तो झांसी वाली रानी थी... कविता में कांग्रेस ने सिंधिया को घसीटा, जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य पर बोला हमला

कांग्रेस ने अब बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी छोड़ने पर घेर लिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह से अंग्रेजों के दोस्त सिंधिया ने राजधानी छोड़ दी थी, उसी तरह डेढ़ सौ साल बाद बीजेपी के मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी थी.

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जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बोला हमला (फाइल फोटो)
जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बोला हमला (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर गुरुवार को हमला बोला. उन्होंने सिंधिया पर निशाना साधने के लिए कविता 'खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी…' का सहारा लिया. कांग्रेस नेता ने कविता की कुछ पंक्तियों को ज्योतिरादित्य सिंधिया से जोड़ते हुए कहा- 'विजयी रानी आगे चल दी.. किया ग्वालियर पर अधिकार. अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी… और डेढ़ सौ साल बाद बीजेपी के मित्र सिंधिया ने छोड़ी कांग्रेस थी.'

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सिंधिया को वफादारी का देना होता है सबूत

जयराम रमेश से जब पूछा गया कि मशहूर शायर किशोर कुमार की नगरी में उनको ये कविता कैसे याद आई तो इस पर उन्होंने कहा, “खंडवा की बहू सुभद्रा कुमारी चौहान ने कविता लिखी है- खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी लेकिन जब मैं सुभद्रा कुमारी चौहान को याद करता हूं तो मुझे सिंधिया याद आ जाते हैं. उनको (सिंधिया) अपने नए मालिकों को वफादारी के सबूत रोज पेश करने पड़ते हैं. 25-30 साल थे कांग्रेस में, उनके पिता की भी कांग्रेस में थे. उसके बाद भी वो चले गए, मध्य प्रदेश सरकार को गिरा दिया.

वीर सावरकर चैप्टर अब बंद हो गया

पिछले दिनों वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए थे. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था लेकिन हाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा दिया कि सावरकर चैप्टर अब बंद हो गया है. मैं साफ करना चाहता हूं कि बीजेपी और संघ के लोग हमारे नेताओं को लेकर झूठ फैलाना बंद कर दें. हम भी उनके नेताओं की सच्चाई सभी के सामने नहीं बताएंगे.

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हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किन नेताओं की बात कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी के पुराने हमलों को ध्यान में रखा जाए तो साफ समझा जा सकता है कि यहां बात जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी जैसे नेताओं की हो रही है.

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