कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा- मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहे है. कांग्रेस में हर आए दिन नेताओं के इस्तीफे से साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है.
कांग्रेस जिनका घर, सिर्फ उन्हीं की हो रही ताजपोशी
वहीं इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि कुछ लोगों के लिए कांग्रेस घर है. कुछ लोगों का घर कांग्रेस से चलता है और पार्टी में ऐसे ही लोगों की ताजपोशी हो रही है. लेकिन कांग्रेस मेरा घर था और मेरा घर कांग्रेस से नहीं चलता.
उन्होंने एएनआई से कहा कि आज कांग्रेस पार्टी के निर्णय जनहित में नहीं कुछ लोगों के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं. वास्तविकता से मुंह मोड़ा जा रहा है, जनता के मुद्दों से मुंह मोड़ा जा रहा है.
इससे पहले आनंद शर्मा ने दिया था इस्तीफा
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए गठित संचालन समिति से इस्तीफा दिया था. आनंद शर्मा को हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में माना जाता है. उन्होंने अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष को बताया है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक में नहीं बुलाया गया.
सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में शर्मा ने कहा है कि वह अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते और इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं. शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उन्हें नजरअंदाज किया गया और किसी भी मीटिंग में नहीं बुलाया गया. हालांकि उन्होंने सोनिया से यह जरूर कहा है कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार जारी रखेंगे.
कुछ दिन पहले गुलाम नबी ने छोड़ दिया था पद
आनंद शर्मा से पहले गुलाम नबी आजाद ने भी इस्तीफा दे दिया था. जम्मू-कश्मीर प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटे बाद ही उन्होंने यह इस्तीफा दे दिया था. हालांकि बताया गया कि स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने यह इस्तीफा दिया है लेकिन चर्चा यह भी रही कि वह पार्टी के फैसलों से खुश नहीं थे.