कभी यूपी के मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे रहने वाले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भरे मंच से जम्मू-कश्मीर से विकास को लेकर ट्रांसपेरेंसी में यूपी को पीछे बताया है. बीएचयू में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मनोज सिन्हा ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विकास की ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) के मामले में जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश से काफी बेहतर है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने घाटी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि दीमक से ज्यादा असमानता जम्मू-कश्मीर की मिट्टी को खाए जा रही थी. लेकिन आज एक अच्छा वातावरण, भ्रष्टाचार और भयमुक्त वातावरण जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर में है. ट्रांसपेरेंसी का पैमाना अगर देश के किसी राज्य में होगा तो उनसे जम्मू-कश्मीर पीछे नहीं है.
कम लागत में ज्यादा प्रोजेक्ट्स हुए पूरे
मनोज सिन्हा ने कहा, '2017-2018 में यूपी के कपेक्स बजट में 67000 करोड़ रुपए खर्च करके 9229 प्रोजेक्ट पूरे हुए थे. मैं अगस्त 2018 में जम्मू कश्मीर पहुंता था. पिछले साल यहां 21943 प्रोजेक्ट्स पूरे हुए हैं और पैसा सिर्फ 63 हजार करोड़ रुपये खर्च हुआ है. उन्होंने कहा कि जो यूपी से चार हजार करोड़ कम खर्च करके दुगने से ज्यादा परियोजनाएं सिर्फ ट्रांसपेरेंसी के वजह से पूरी हो सकी और बीते वित्तीय वर्ष में प्रोजेक्ट पूरे हुए है 51000 और 67 हजार करोड़ से 20 प्रतिशत कम धनराशि खर्च हुई होगी.
अमरनाथ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं से की अपील
वहीं उन्होंने आगे बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण का काम चल रहा है. विनम्रता पूर्वक निवेदन करूंगा कि काशी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए अवश्य आए.
वो दिन गए जब शांति खरीदी जाती थी
महज एक दिन पहले 20 अप्रैल को मनोज सिन्हा ने कहा था कि राज्य में सरकार पूरी तरह से शांति स्थापित करने में लगी है. वो दिन गए जब शांति खरीदी जाती थी. सरकार अब वहां खरीदने के लिए शांति स्थापित करने के लिए काम कर रही है. घाटी में ‘‘शांति खरीदने की पुरानी प्रथा’’ के बजाए इसे कायम करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हम उस तंत्र को खत्म कर देंगे, जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.