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रामविलास पासवान को मिले भारत रत्न, पूर्व सीएम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है, जिसमें दिवंगत नेता रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की गई है.

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पासवान को श्रद्धांजलि देते जीतनराम मांझी (PTI फोटो)
पासवान को श्रद्धांजलि देते जीतनराम मांझी (PTI फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रामविलास पासवान को मिले भारत रत्न
  • दिल्ली स्थित आवास को बनाया जाए स्मारक
  • जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने दिवंगत नेता रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक चिट्ठी भी लिखी है. इसके अलावा रामविलास पासवान के दिल्ली आवास को स्मारक बनाने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान जनता के नायक थे, इसलिए उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए. इससे पहले शनिवार शाम को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का पूरे राजकीय सम्मान के साथ पटना के दीघा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. 

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दिवंगत नेता को अंतिम विदाई देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दीघा घाट पर उपस्थित थे. बेटे चिराग पासवान ने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान वो बेसुध होकर नीचे गिर पड़े. वहां मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला.

बता दें, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार रात निधन हो गया था. वो 74 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी. पासवान के निधन की सूचना के बाद सियासी गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके सम्मान में राजकीय शोक की भी घोषणा की गई. 

राजनीतिक सफर

70 के दशक में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले रामविलास पासवान 1969 में पहली बार अलौली सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे. उन्होंने खुद को कभी अप्रासंगिक नहीं होने दिया. 1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले पासवान 9 बार लोकसभा सांसद रहे.

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साल 2000 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था. रामविलास पासवान बिहार के एकलौते नेता थे, जिन्होंने देश के छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी सरकार में पासवान मंत्री रहे. केंद्र में मंत्री रहते हुए उन्होंने कई ऐतिहासिक काम भी किए.

 

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