संसद में पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों को लेकर हंगामा लगातार जारी है. विपक्षी दल इन विषयों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. इस बीच 14 विपक्षी दलों के 18 नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया है और संसद में पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग की है.
इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि संसद में गतिरोध के लिए सरकार जिम्मेदार है, सरकार विपक्ष पर आरोप लगाकर गुमराह करने की कोशिश कर रही है.
संयुक्त बयान में कहा गया है कि पूरा विपक्ष एकजुट है और संसद के दोनों ही सदनों में गृहमंत्री से पेगासस जासूसी कांड पर जवाब चाहता है, क्योंकि यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है.
इसके अलावा विपक्षी नेताओं के संयुक्त बयान में किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग भी की गई है.
14 दलों के 18 नेताओं के इस बयान में कहा गया है कि सरकार अहंकार दिखा रही है और विपक्ष की चर्चा की मांग को नहीं मान रही है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार विपक्ष को संसद सत्र न चलने का जिम्मेदार बता रही है जबकि ये सरकार के हाथ में है. बयान में कहा गया है कि विपक्ष सरकार से एक बार फिर अपील करता है कि संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करें और चर्चा को स्वीकार करें.
इन नेताओं ने जारी किया संयुक्त बयान
मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष, राज्यसभा
अधीर रंजान चौधरी, नेता प्रतिपक्ष लोकसभा
शरद पवार, एनसीपी
टीआर बालू, डीएमके
आनंद शर्मा, कांग्रेस
रामगोपाल यादव, सपा
डेरेक ओब्रायन, टीएमसी
संजय राउत, शिवसेना
कल्याण बनर्जी, टीएमसपी
विनायक राउत, शिवसेना
त्रुचि सिवा, डीएमके
मनोज झा, आरजेडी
ई. करीम, सीपीएम
सुशील गुप्ता, आप
मो. बशीर, IUML
हसनैन मसूदी, नेशनल कॉन्फ्रेंस
बिनॉय विस्वम, सीपीआई
एनके प्रेमचंद्रन, आरएसपी
श्रेयम्स कुमार, एलजेडी