पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बीजेपी नेता मनीष शुक्ला की कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद राज्य का सियासी पारा गरमाता चला गया. बीजेपी नेताओं ने राज्य की टीएमसी सरकार पर जमकर हमले बोले. यही नहीं बीजेपी ने बैरकपुर में इस हत्या के खिलाफ 12 घंटे के बंद का आह्वान भी किया था.
इसके अलावा बीजेपी नेताओं ने बीजेपी नेता के शव को हत्या के कई घंटों बाद भी परिजनों को न सौंपने पर प्रदर्शन भी किया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस बाबत राज्यपाल जगदीप धनकड़ से मुलाकात भी की थी. जिसके बाद राज्यपाल ने ट्वीट कर पश्चिम बंगाल पुलिस और ममता बनर्जी को टैग करते हुए कहा था कि दुखी हूं कि 20 घंटों से ज्यादा वक्त के बाद भी मनीष शुक्ला का शव नहीं सौंपा गया. यह आपके असंवदेनशील अप्रोच को दर्शाता है.
राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद कोलकाता स्थिति एनआरएस हॉस्पिटल से मनीष शुक्ला का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया. जिसके बाद करीब 50 कारों का काफिला अस्पताल से गवर्नर हाउस की ओर निकल पड़ा. पुलिस की गाड़ी के साथ बीजेपी नेता मनीष शुक्ला का शव राजभवन ले गए. जिसके बाद उन्होंने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात भी की.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं ने राजभवन के सामने राज्य मशीनरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. इस दौरान बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मैंने ऐसी हृदयविहीन सरकार देश में पहले कभी नहीं देखी जिसने किसी शव को 20 घंटों तक कब्जे में रखा हो.
कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि हमने जानकारी की पुष्टि की है कि सरकार अब इसे बीजेपी के साथ जोड़ने की साजिश कर रही है और कह रही है कि उसे बीजेपी कार्यकर्ता ने मार डाला. हम हार नहीं मानेंगे. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मनीष के पिता ने राज्यपाल से मुलाकात की और सीबीआई जांच की मांग की क्योंकि हमें राज्य या सीआईडी पर भरोसा नहीं है.