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कलावती की कहानी बताकर राहुल पर बरसे अमित शाह, बोले- 13 बार फेल हुई इनकी लॉन्चिंग

अमित शाह ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कई साल पहले वह बुंदेलखंड में जिस गरीब मां कलावती के घर गए, उनके लिए इनकी सरकार ने कुछ नहीं किया. उस गरीब महिला को घर, बिजली, गैस, अनाज आदि देने का काम नरेंद्र मोदी ने किया. उन्होंने कहा कि कलावती को भी मोदी जी पर भरोसा है. वो मोदी जी के साथ खड़ी हैं.

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संसद में अमित शाह राहुल गांधी पर जमकर बरसे (फोटो- पीटीआई)
संसद में अमित शाह राहुल गांधी पर जमकर बरसे (फोटो- पीटीआई)

मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज दूसरे दिन की चर्चा चल रही है. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नाम लिए बिना राहुल गांधी पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि एक सदस्य को 13 बार राजनीति में लॉन्च किय गया, लेकिन वह 13 बार फेल हुए हैं. उनकी एक लॉन्चिंग सदन में भी हो चुकी है. वह एक बार बुंदेलखंड की रहने वाली गरीब महिला कलावती के घर भोजन करने गए. इसके बाद सदन में गरीबी का दारुण वर्णन किया. इसके बाद उनकी सरकार आई, लेकिन मैं पूछता हूं कि उनकी सरकार ने उस गरीब महिला कलावती के लिए क्या किया?

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अमित शाह ने कहा कि उस गरीब कलावती को घर, बिजली, गैस, अनाज आदि देने का काम नरेंद्र मोदी ने किया. उन्होंने कहा कि आप जिस कलावती के घर भोजन के लिए, उनको भी मोदी जी पर भरोसा है. वो मोदी जी के साथ खड़ी हैं.

देखिए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की पूरी कवरेज
 
अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन के चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसका असली चेहरा तब देखने को मिला जब यह अपनी सरकारें बचाने के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त हो गया. लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस करते हुए शाह ने कहा कि जब 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अविश्वास मत का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने अपनी सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त होने के बजाय पद छोड़ने का फैसला किया. शाह ने कहा कि संकट के ऐसे समय में राजनीतिक दलों और गठबंधनों का चरित्र सामने आ जाता है. यूपीए का चरित्र किसी भी तरह से सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त होना है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का चरित्र सिद्धांतों पर कायम रहना है.

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उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को 1993 में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था और तब कांग्रेस ने किसी भी तरह से सत्ता में बने रहने का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव ने विश्वास मत जीत लिया, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के सदस्यों को जेल जाना पड़ा. बाद में नरसिम्हा राव भी जेल गए. आज कांग्रेस और जेएमएम लोकसभा में विपक्ष में बैठे हैं.

बीजेपी नेता ने कहा कि 2008 में, मनमोहन सिंह जी विश्वास प्रस्ताव लाए थे, इस सदन ने सबसे अपमानजनक क्षण देखे, जब सांसदों को करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गई और सरकार बचाई गई. यह यूपीए का चरित्र है.

शाह ने कहा कि विपक्षी दलों को सरकार पर भरोसा नहीं है, लेकिन देश की जनता इसके अलग सोचती है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर देश को किसी नेता पर भरोसा है, तो वह नरेंद्र मोदी हैं, जो 2 बार पूर्ण बहुमत के साथ चुने गए. 30 साल बाद लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी है. शाह ने कहा कि उन्होंने विपक्षी नेताओं के भाषण सुने हैं और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह अविश्वास प्रस्ताव केवल भ्रम पैदा करने के लिए सदन में लाया गया है.
 

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