अभिनेता कमल हासन ने तमिलनाडु समेत देश के दक्षिणी राज्यों पर कथित रूप से हिंदी थोपने और परिसीमन के जरिये हिंदी पट्टी के हितों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. हासन ने इसके लिए HINDIA शब्द का इस्तेमाल किया है. कमल हासन ने केंद्र पर बरसते हुए कहा है कि वे HINDIA बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता रहे कमल हासन ने वर्ष 2026 में प्रस्तावित परिसीमन पर भी बयान दिया और कहा कि ऐसा कोई भी फैसला गैर हिंदी भाषी राज्यों के हित में नहीं होगा.
बता दें कि आज (5 मार्च) तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने परिसीमन के मुद्दे पर तमिलनाडु के राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस मीटिंग में शिरकत करने तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी मक्कल नीधि मैयम के नेता कमल हासन भी पहुंचे हैं.
मक्कल नीधि मैयम के अध्यक्ष कमल हासन ने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की तीखी आलोचना की और चेतावनी दी कि इससे भारत के संघीय ढांचे और विविधता को नुकसान पहुंच सकता है. इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में बोलते हुए हासन ने केंद्र की आलोचना की और कहा कि भारत के समावेशी दृष्टिकोण को खतरे में डालकर इसे HINDIA बनाया जा रहा है.
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हासन ने कहा, "जनसंख्या के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन का मुद्दा सिर्फ़ तमिलनाडु के लिए ही चिंता का विषय नहीं है; यह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पंजाब, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे राज्यों को भी प्रभावित करता है."
उन्होंने इस कदम के व्यापक प्रभाव को स्वीकार किया और बैठक आयोजित करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का आभार व्यक्त किया. हासन ने तमिलनाडु की पार्टियों की भागीदारी की भी सराहना की जिन्होंने चर्चा में भाग लेने के लिए वैचारिक मतभेदों को अलग रखा. उन्होंने कहा, "मैं इस जागरूकता के साथ इस सर्वदलीय बैठक का आयोजन करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की ईमानदारी से सराहना करता हूं."
हासन ने इस मामले पर अपना स्पष्ट रुख दोहराया: "जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करके राष्ट्रीय विकास में सहयोग करने वाले राज्यों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए." उन्होंने लोकतंत्र और संघवाद के मूल सिद्धांतों पर विस्तार से बात की. हासन ने बताया, "इस बहस में, हमें दो प्रमुख सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: लोकतंत्र और संघवाद. ये दो आंखें हैं, और केवल दोनों को महत्व देकर ही हम एक समावेशी और विकसित भारत के सपने को प्राप्त कर सकते हैं."
अभिनेता कमल हासन ने यह भी कहा, "हम एक समावेशी भारत की कल्पना करते हैं, लेकिन वे 'HINDIA' बनाना चाहते हैं. जो चीज़ टूटी ही नहीं है, उसे ठीक करने की कोशिश क्यों करें? एक कार्यशील लोकतंत्र को बार-बार बाधित करने की कोई जरूरत नहीं है. चाहे निर्वाचन क्षेत्रों का फिर से निर्धारण कैसे भी किया जाए, सबसे ज़्यादा प्रभावित हमेशा गैर-हिंदी भाषी राज्य ही होंगे."
उन्होंने कहा कि यह कदम संघवाद को कमजोर करता है और पूरी तरह से अनावश्यक है. सिर्फ आज ही नहीं, सिर्फ़ कल ही नहीं, बल्कि हर समय, संसदीय प्रतिनिधियों की संख्या को अपरिवर्तित रखना लोकतंत्र, संघवाद और भारत की विविधता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. एक भारतीय होने के नातेमैं इस बात पर ज़ोर देता हूं."