राजनीति में उतार-चढ़ाव, खोना पाना लगा रहता है. बनी बनाई बिसात एक झटके में बिखर जाती है. शीर्ष पर बैठा नेता चंद मिनटों में नीचे आ गिरता है. कर्नाटक (Karnataka) की राजनीति में फिलहाल यही हुआ है. बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) को सूबे के मुख्यमंत्री पद (CM) से हटाने की चर्चाएं तेज थीं लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा शायद ही हो कि चर्चाएं हकीकत में बदल जाएंगी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Resign) देना होगा.
सोमवार को बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. येदियुरप्पा भले ही अब राज्य के मुख्यमंत्री ना हों लेकिन राजनीतिक पैठ अब भी बरकरार है. येदियुरप्पा का राजनीतिक सफर दिलचस्प रहा है. येदियुरप्पा ने अपना राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू किया था. वह महज 15 साल की उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए थे.
चावल मिल के क्लर्क रहे हैं येदियुरप्पा
चावल मिल के मामूली क्लर्क से एक मजबूत व प्रभावी राजनेता का सफर तय करने वाले येदियुरप्पा को ही कर्नाटक और देश के किसी भी दक्षिणी राज्य में बीजेपी को पहली बार सत्ता में लाने का श्रेय जाता है.बीएस येदियुरप्पा का पूरा नाम बुकंकरे सिद्दालिंगप्पा येदियुरप्पा है. उनका जन्म 27 फरवरी 1943 को कर्नाटक के मांड्या जिले में हुआ था. येदियुरप्पा महज चार साल के थे जब उनकी मां का निधन हो गया था. जिसके बाद पिता ने उनका पालन-पोषण किया.
बीजेपी से भी रही अनबन
बीजेपी के पुराने नेता बीएस येदियुरप्पा की अपनी पार्टी से भी अनबन रही है. साल 2011 में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद येदियुरप्पा ने अलग अपनी पार्टी बनाने का फैसला लिया था. उन्होंने ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ नाम की पार्टी की स्थापना भी की 2013 में हुए शिकारीपुरा सीट से चुनाव लड़कर वह विधानसभा भी पहुंचे थे, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए. कर्नाटक विधानसभा में भाजपा की जीत पर फिर से सूबे की कमान उनके हाथ सौंपी गई थी.
लिंगायत समुदाय में पैठ
बीएस येदियुरप्पा की राज्य के लिंगायत समुदाय में अच्छी पकड़ मानी जाती है. कर्नाटक की राजनीति में उनके प्रभाव की एक बानगी यह भी है. गौरतलब है कि येदियुरप्पा ने खनन घोटाले में नाम आने के बाद जुलाई 2011 में पार्टी नेतृत्व के दबाव में इस्तीफा दे दिया था. पार्टी ने उन्हें कर्नाटक बीजेपी का भी अध्यक्ष नहीं बनाया, जिससे वह नाराज थे.