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कर्नाटक: सियासी संकट में येदियुरप्पा, मंत्री ने की राज्यपाल से शिकायत, HC से भी झटका

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम येदियुरप्पा को झटका देते हुए आपरेशन लोट्स मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर उनके कैबिनेट के मंत्री ने राज्यपाल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुख्यमंत्री की शिकायत की है. ऐसे में येदियुरप्पा एक बार फिर से कर्नाटक में बीजेपी के लिए कहीं टेंशन तो नहीं बनते जा रहे हैं? 

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बीएस येदियुरप्पा
बीएस येदियुरप्पा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • येदियुरप्पा को हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका
  • कर्नाटक के मंत्री ने लगाया सीएम पर बड़ा आरोप
  • बीजेपी विधायक सीएम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा एक तरफ अगले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का नेतृत्व करने का सपना संजोए हुए हैं तो दूसरी तरफ उनके सहयोगी मोर्चा खोले हुए हैं. कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम येदियुरप्पा को झटका देते हुए आपरेशन लोट्स मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं, दूसरी ओर उनके कैबिनेट के मंत्री ने राज्यपाल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुख्यमंत्री की शिकायत की है. ऐसे में येदियुरप्पा एक बार फिर कर्नाटक में बीजेपी के लिए कहीं टेंशन तो नहीं बनते जा रहे हैं? 

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बता दें कि कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा को कुर्सी पर बैठे 20 महीने भी नहीं हुए हैं और उनके खिलाफ आवाज उठने लगी है. येदियुरप्पा के खिलाफ नाराजगी नई नहीं है बल्कि सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी विधायकों में असहमति जाहिर थी. इसके बाद बीजेपी के आधा दर्जन विधायकों ने दिल्ली आकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. हालांकि, उस समय उन्हें बीजेपी हाईकमान ने समझा-बुझाकर वापस भेज दिया था, लेकिन अब फिर से सीएम के खिलाफ बगावती सुर सुनाई देने लगे हैं. 

मंत्री की येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत

येदियुरप्पा सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने राज्यपाल वजुभाई वाला को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि मुख्यमंत्री उनके कामकाज में हस्तक्षेप करते हैं. सीएम येदियुरप्पा ने कई नियमों का उल्लंघन किया है. ईश्वरप्पा ने कहा है कि येदियुरप्पा ने उन्हें बताए बिना ही उनके विभाग से जुड़े 774 करोड़ रुपए का आबंटन कर दिया, बजट में बेंगलुरु के लिए 65 करोड़ रुपए आबंटित कर दिए गए और दूसरे 30 जिलों की उपेक्षा की गई. ऐसा ही चलता रहा कि तो पता नहीं मंत्री के रूप में मैं क्या करूंगा. 

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ईश्वरप्पा ने राज्यपाल के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी सीएम येदियुरप्पा की शिकायत की हैं. ईश्वरप्पा और येदियुरप्पा कर्नाटक के एक ही जिले शिवमोगा से आते हैं और दोनों ही एक दूसरे के काफी करीबी माने जाते हैं, लेकिन अब ईश्वरप्पा ने सीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इससे येदियुरप्पा के लिए काफी बड़ा संकट खड़ा हो गया हैं. 

विधायक सीएम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं

मंत्री ईश्वरप्पा से पहले कर्नाटक बीजेपी के विधायक बसंगौड़ा पाटिल ने एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम येदियुरप्पा को सीएम की कुर्सी से हटाना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो अगला चुनाव लड़ना काफी मुश्किल होगा. विधायक ने येदियुरप्पा पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ शिवामोगा क्षेत्र के लिए ही काम करते हैं. उन्होंने ने कहा था कि अगला मुख्यमंत्री उत्तरी कर्नाटक से होगा और आलाकमान को भी इस बात का अहसास है कि इस इलाके से बीजेपी के सबसे ज़्यादा विधायक हैं. इससे पहले कई विधायक दिल्ली आकर येदियुरप्पा की शिकायत कर चुके हैं. 

हाईकोर्ट से येदियुरप्पा को झटका
सीएम येदियुरप्पा को लगने वाला एक ही दिन में लगातार ये दूसरा झटका है. इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ 'आपरेशन लोट्स' मामले में जांच को मंजूरी दे दी थी.येदियुरप्पा पर आरोप है कि सरकार बनाने के लिए उन्होंने 2019 में जेडीएस विधायक के बेटे को कथित तौर पर पैसे और मिनिस्ट्री का लालच दिया था. कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा ने इस मामले में फरवरी 2019 में अंतरिम आदेश पर लगी रोक को हटाकर, नया अंतरिम आदेश जारी किया.

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इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ आठ साल पुराने भ्रष्टाचार मामले को दोबारा शुरू करने की इजाजत दी थी. कर्नाटक हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामलों के लिए गठित एक स्पेशल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह जुलाई 2016 में एक सत्र न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ हटाए गए पुराने मामले को बहाल करे. अवैध तरीके से भूमि अधिसूचना का ये मामला 2008-2012 के दौरान का है जब बीजेपी पहली बार सत्ता में थी.इस तरह से येदियुरप्पा एक के बाद एक सियासी संकट से घिरते जा रहे हैं. 

येदियुरप्पा के बेटे पर लगे आरोप?

दरअसल, येदियुरप्पा के बारे में माना जाता है कि वो अपने छोटे बेटे बीवाई विजयेंद्र को अपना उत्तराधिकारी मानते हैं. जब येदियुरप्पा 2019 में सीएम बने तब शपथ समारोह में भी उनके बेटे सबसे अहम चेहरों में से थे. इसके अलावा साल 2020 में विजयेंद्र पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ने सिद्धारमैया ने विजयेंद्र पर 666 करोड़ के बीडीए निर्माण परियोजना घोटाले में 12 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस मामले में येदियुरप्पा के बेटे, दामाद और पोते का नाम आया था. वहीं, बीजेपी के दूसरे नेताओं की नजर सीएम की कुर्सी पर है, लेकिन बीजेपी येदियुरप्पा की सियासी पकड़ को देखते हुए उन्हें बदलने का जोखिम भरा कदम नहीं उठाने से बच रही है. 

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