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कर्नाटक: गाय पर बवाल, BJP नेता का विवादित बयान- क्या सिद्धारमैया अपनी बूढ़ी मां को दूसरों के घर छोड़ेंगे

कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा कि हम गाय को अपनी माता के समान मानते हैं, सिद्धारमैया भी गायों को माता के समान ही मानते हैं, क्या सिद्धारमैया अपनी मां को किसी और के घर के सामने छोड़ देंगे? सिद्धारमैया देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस क्यों पहुंचा रहे हैं?

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कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा (फोटो- पीटीआई)
कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गाय के सवाल पर कर्नाटक में बवाल
  • कर्नाटक सरकार ला रही है गौरक्षा बिल
  • कांग्रेस ने की राज्य सरकार की आलोचना

कर्नाटक में गाय को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है. राज्य सरकार गायों की सुरक्षा को लेकर विधानसभा में एक बिल लाने जा रही है तो वहीं कांग्रेस इसकी आलोचना कर रही है. बीजेपी नेता और राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने पूर्व सीएम पर हमला करते हुए कहा है कि क्या वे अपनी बूढ़ी माता को दूसरो के घर के सामने छोड़ देंगे. 

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बता दें कि कर्नाटक में सोमवार से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. राज्य सरकार इस बार गौ सुरक्षा कानून लाने जा रही है. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ही इसका वादा किया था. 

के एस इश्वरप्पा ने इस विवाद पर अपनी राय देते हुए कहा कि हम गाय की पूजा करते हैं. हम आज गाय को माता के समान मानते हैं. सिद्धारमैया ने कहा था कि जो गाएं बूढ़ी हो गई हैं, उसे बीजेपी और आरएसएस के कार्यालय के बाहर छोड़ देना चाहिए. 

कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा कि हम गाय को अपनी माता के समान मानते हैं, सिद्धारमैया भी गायों को माता के समान ही मानते हैं, क्या सिद्धारमैया अपनी मां को किसी और के घर के सामने छोड़ देंगे? सिद्धारमैया देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस क्यों पहुंचा रहे हैं?

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उन्होंने कहा कि भारत को स्वतंत्रता अपनी संस्कृति को बचाने के लिए मिली है, सड़क बनाने, नालियां बनाने और लाइट लगाने के लिए नहीं. इस समय सिद्धारमैया के लिए ऐसा बयान देना ठीक नहीं है. 

बता दें कि जब इस कानून को लेकर चर्चा शुरू हुई तो पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कुछ दिन पहले कहा था कि जब गाएं बूढ़ी हो जाती है तो किसानों को इनका क्या करना चाहिए? क्या वे इसे आरएसएस नेताओं के घर के बाहर छोड़ सकते हैं? पूर्व सीएम ने कहा था कि क्या करना चाहिए किसानों को? बीजेपी के नेता तो दूध से बने सामानों का लुत्फ उठाते हैं, लेकिन किसानों को तकलीफ उठानी पड़ती है. सरकार को जल्दबाजी में ऐसे फैसले नहीं लेने चाहिए. 

 

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