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राकेश टिकैत आज ममता बनर्जी से मिलेंगे, क्या हैं इस मुलाकात के सियासी मायने?

किसान आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब ममता बनर्जी बंगाल से बाहर अपने सियासी प्रभाव को जमाने की तैयारी में हैं. वहीं, टिकैत कोरोना के बाद अब फिर से आंदोलन को धार देना चाहते हैं ताकि कोई इस मामले का निर्णायक हल निकल सके.

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किसान नेता राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राकेश टिकैत बंगाल की सीएम ममता से करेंगे मुलाकात
  • ममता बनर्जी बंगाल से बाहर तलाश रहीं सियासी जमीन
  • कोरोना के बाद किसान आंदोलन को तेज करने की रणनीति

कोरोना के हालात सुधरने के साथ ही किसान नेताओं ने अपने आंदोलन को और मजबूती देने की कवायद शुरू कर दी है. इस कड़ी में किसान आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब ममता बनर्जी बंगाल से बाहर अपना सियासी प्रभाव जमाने की तैयारी में हैं. वहीं, राकेश टिकैत भी किसान आंदोलन को निर्णायक दिशा में ले जाना चाहते हैं.

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कोरोना की दूसरे लहर के चलते संक्रमण के मामलों में तेजी आई. इससे चलते किसानों की मूवमेंट पर थोड़ा असर पड़ा था, लेकिन अब स्थिति सुधरने के बीच टिकैत चाहते हैं कि फिर से आंदोलन को गति मिले. ममता बनर्जी नए कृषि कानूनों के खिलाफ मुखर रही हैं और उन्होंने किसानों के विरोध को अपना समर्थन भी किया है. ऐसे में राकेश टिकैत उनके साथ मिलाकर आंदोलन को फिर से धार देना चाहते हैं. 

किसान आंदोलन को ममता का समर्थन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से ही केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ काफी मुखर रही हैं. उन्होंने दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को भी अपना समर्थन दिया था और समय समय पर किसान आंदोलन के पक्ष में अपनी आवाज भी उठाती रही हैं. इतना ही नहीं टीएमसी के तमाम सांसद भी दिल्ली की सीमा पर पहुंचे थे, जहां किसान पिछले साल नवंबर से धरने पर बैठे हैं. 

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मोदी सरकार के खिलाफ टिकैत खोले हुए हैं मोर्चा

पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के खिलाफ राकेश टिकैत प्रचार में भी उतरे थे. राकेश टिकैत ने बंगाल की कई विधानसभा सीटों पर जाकर बीजेपी के खिलाफ वोट देने का आग्रह किया किया था. इतना ही नहीं, उन्होंने मोदी सरकार को किसान विरोधी करार दिया था. इसका सियासी फायदा भी ममता बनर्जी को मिला, जिसके बाद अब राकेश टिकैत उनसे मिलेंगे. माना जा रहा है कि ममता से मुलाकात के दौरान टिकैत केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ मौजूदा किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा करेंगे. 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में जिस तरह से नरेंद्र मोदी के अगुवाई वाली बीजेपी को मात देकर तीसरी बार सत्ता में लौटी हैं, उसके बाद बंगाल से वो राज्य से बाहर भी अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कवायद में हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने की अटकलें भी हैं. ऐसे में ममता तमाम संभावनाएं तलाश रही हैं. ऐसी स्थिति में राकेश टिकैत उनके लिए अहम किरदार अदा कर सकते हैं. 

टिकैत की क्या सियासी प्लानिंग

दरअसल, किसान नेता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि वे स्वयं चुनाव नहीं लडे़ंगे, लेकिन देश भर के लोगों को जागरूक करने का काम जरूर करेंगे. राकेश टिकैत कृषि कानून के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में जाकर किसान पंचायत के नाम पर जनसभाएं कर रहे हैं, जिसे मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है. दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन को वह अब एक बार फिर से धार देना चाहते हैं. 

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ममता के लिए टिकैत की भूमिका

केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 6 महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र के साथ किसान नेताओं की कई दौर की वार्ताओं के बावजूद अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है. राकेश टिकैत कह चुके हैं कि तीन कृषि कानूनों को भारत सरकार चुनावी साल 2024 तक जरूर वापस ले लेगी. ऐसे में किसान आंदोलन को हमें जारी रखना है. 

बंगाल में बुधवार को किसानों की बैठक होनी है, जिसमें राकेश टिकैत शामिल होंगे. इस बैठक के बाद वह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मिलेंगे जहां उनकी सरकार की नीतियों के बारे जानकारी लेंगे. वह उन्हें चुनाव में मिली बड़ी जीत पर बधाई देंगे. इसके अलावा दोनों के बीच किसान आंदोलन पर भी चर्चा होगी. ऐसे में माना जा रहा है कि राकेश टिकैत और ममता बनर्जी दोनों ही एक दूसरे के सहारे अपने-अपने सियासी हित साधने की कवायद में हैं. 


 

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