कांग्रेस की टीम से एक और युवा नेता बीजेपी में चला गया. पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद आज बीजेपी में शामिल हो गए. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरों में से एक जितिन प्रसाद पिछले कुछ समय से पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे थे.
पिछले साल अगस्त में जब कांग्रेस के 23 नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी तो यूपी कांग्रेस की लखीमपुर खीरी यूनिट ने जितिन प्रसाद को निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित कर दिल्ली भेजा. माना जा रहा है कि तब से ही कांग्रेस हाईकमान और जितिन प्रसाद के बीच ठन गई थी. जितिन प्रसाद के खिलाफ ऐसी कार्रवाई को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी नाराजगी जताई थी.
48 वर्षीय जितिन प्रसाद यूपी में कांग्रेस के लिए एक युवा चेहरा थे और यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले उनका जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.
कौन हैं जितिन प्रसाद?
जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर 1973 को हुआ था. उनके पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के बड़े नेता थे. जितेंद्र प्रसाद दो पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रह चुके थे. इसके साथ ही जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके थे.
उनके पिता जितेंद्र प्रसाद ने भी कभी सोनिया गांधी की बगावत की थी. नवंबर 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था. हालांकि, वो हार गए थे. इसके बाद जनवरी 2001 में उनका निधन हो गया.
जितिन प्रसाद के दादा ज्योति प्रसाद भी कांग्रेस के नेता थे. उनकी परनानी पूर्णिमा देवी नोबेल विजेता रबिंद्रनाथ टैगोर के भाई हेमेंद्रनाथ टैगोर की बेटी थीं.
जितिन प्रसाद ने देहरादून के दून स्कूल से अपनी पढ़ाई की. ये वही स्कूल है जहां से राहुल गांधी ने भी पढ़ाई की थी. इस हिसाब से जितिन प्रसाद, राहुल गांधी के जूनियर हैं. फिर वह दिल्ली चले गए और श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली से एमबीए किया. फरवरी 2010 में जितिन प्रसाद ने पूर्व पत्रकार नेहा सेठ से शादी की.
जितिन प्रसाद का राजनीतिक जीवन
जितिन प्रसाद 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव बने. 2004 में अपने गृह लोकसभा सीट, शाहजहांपुर से 14वीं लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमायी और जीते. पहली बार जितिन प्रसाद को 2008 में केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री नियुक्त किया गया.
उसके बाद सन् 2009 में जितिन प्रसाद 15 वीं लोकसभा चुनाव लोकसभा धौरहरा से लड़े और 184,509 वोटों से विजयी भी हुए. जितिन प्रसाद 2009 से जनवरी 2011 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 19 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और 28 अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय, यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहें हैं. जितिन प्रसाद शाहजहांपुर, लखीमपुर और सीतापुर में काफी लोकप्रिय नेता हैं. जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में शांतिप्रिय व विकासवादी राजनीती के लिए जाना जाता है.
जितिन प्रसाद ने 2014 का लोकसभा चुनाव धौरहरा सीट से लड़ा, लेकिन हार गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से खड़े हुए, लेकिन वहां से भी हार गए. इसके बाद 2019 में धौरहरा से फिर लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. इसके बाद प्रियंका गांधी ने जितिन प्रसाद को महत्व नहीं दिया, जिसके चलते वह नाराज चल रहे थे.