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'हारें या जीतें पता नहीं, लेकिन लड़ेंगे...', स्पीकर पद के लिए नामांकन करने के बाद बोले के. सुरेश

लोकसभा स्पीकर के पद के लिए नामांकन के बाद के. सुरेश ने कहा,'स्पीकर का चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी का है. मैंने नामांकन कर दिया है. हम लड़ेंगे. हारें या जीतें पता नहीं. लेकिन हम लड़ेंगे. डिप्टी स्पीकर के पद पर विपक्ष का अधिकार था, लेकिन उन्होंने (NDA) नहीं दिया.'

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k suresh (File Photo)
k suresh (File Photo)

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने ओम बिरला को एक बार फिर अपना स्पीकर प्रत्याशी बनाया है. NDA उम्मीदवार के खिलाफ INDIA ब्लॉक ने अपने 8 बार के सांसद और केरल कांग्रेस के नेता के. सुरेश को मैदान में उतारा है. मंगलवार को के. सुरेश और ओम बिरला दोनों ने ही नामांकन कर दिया है. नामांकन के बाद के. सुरेश ने कहा,'स्पीकर का चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी का है. मैंने नामांकन कर दिया है. हम लड़ेंगे. हारें या जीतें पता नहीं. लेकिन हम लड़ेंगे. डिप्टी स्पीकर के पद पर विपक्ष का अधिकार था, लेकिन उन्होंने (NDA) नहीं दिया.'

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वहीं, INDIA ब्लॉक के एक और सदस्य NCP (शरद पवार) के चीफ शरद पवार ने कहा,'सच बताऊं तो मैंने किसी के साथ चर्चा नहीं की है. ऐसी हमेशा की प्रैक्टिस है कि रूलिंग पार्टी के पास स्पीकर की पोस्ट जाति है. विरोधी पार्टी के साथ डिप्टी स्पीकर का पद जाता था. लेकिन पिछले 10 साल से और मोदी सरकार राज में उनको ज्यादा सीटें मिलने के बाद उन्होंने विपक्ष को डिप्टी स्पीकर पद नहीं दिया.'

'विपक्ष को मिलना चाहिए था डिप्टी स्पीकर का पद'

शरद पवार ने आगे कहा,'हमारी INDIA ब्लॉक के साथ बातचीत हुई. उन्हें मैंने यह सुझाव दिया है कि आप सरकार में बैठे लोगों को अध्यक्ष पद चुनाव निर्विरोध कीजिए. स्पीकर का पद निर्विरोध हो, इसमें हमारी सहमति है. यह संदेश सरकार को दीजिए. साथ ही साथ मैंने यह सुझाव दिया की यह भी बताइए डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए.'    

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'किसी भी कंडीशन के साथ नहीं चलती संसद'

इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी से सांसद डिंपल यादव का भी बयान आया है. उन्होंने कहा,'अच्छी बात है. विपक्ष मजबूत है. अगर स्पीकर का चुनाव लड़ रहे हैं तो अच्छी बात है.' स्पीकर पद पर हो रहे चुनाव को लेकर टीडीपी सांसद और केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने भी अपने विचार रखे हैं. उन्होंने कहा,'विपक्ष को कोई कंडीशन नहीं रखनी चाहिए थी. किसी भी कंडीशन के साथ संसद नहीं चलती है. राजनाथ सिंह सर्वसम्मति बनाने में लगे हुए थे. हम डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर चर्चा करने के लिए तैयार थे, लेकिन विपक्ष ने कंडीशन रख दी.'

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