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कैसे लहूलुहान लखीमपुर खीरी में समझौते तक पहुंची बात? जानें इनसाइड स्टोरी

लखीमपुर खीरी की बिसात पर सियासी नेताओं ने बीजेपी को एक साथ घेरना शुरू किया, क्योंकि लखीमपुर खीरी में हिंसा के पीछे गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा सवालों के घेरे में हैं. ऐसे में पूरा विपक्ष केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा मांगने के लिए निकल पड़ा.

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lakhimpur incident
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • विपक्ष केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा मांगने के लिए निकल पड़ा
  • लखीमपुर खीरी जाने की जिद सीएम ने नहीं होने दी पूरी

लखीमपुर खीरी की आग में सियासत धधकना शुरू हुई तो यूपी की राजनीति के दो दिग्गज चेहरों को हिरासत में ले लिया गया. वो चेहरे थे प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव जो लखीमपुर खीरी जाने की जिद पर अड़े थे और उस जिद को सीएम योगी आदित्यानाथ ने पूरी नहीं होने दिया, लेकिन इसके बाद और इसके पहले जो सियासत गरमाई वो भी जानना जरूरी है. 

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दरअसल, लखीमपुर खीरी की बिसात पर सियासी नेताओं ने बीजेपी को एक साथ घेरना शुरू किया, क्योंकि लखीमपुर खीरी में हिंसा के पीछे गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा सवालों के घेरे में हैं. ऐसे में पूरा विपक्ष केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा मांगने के लिए निकल पड़ा. अखिलेश यादव लखनऊ में घर से निकले, लेकिन धरे गए और फिर उन्हें राजनीतिक बंदी बनाकर इको रिजॉर्ट में रख दिया गया. 

प्रियंका गांधी की गांधीगीरी 

वहीं, प्रियंका गांधी किसानों से मिलने के लिए दिल्ली से निकलीं, लेकिन यूपी के सीतापुर में उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया. सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में रखा तो उन्होंने बंद कमरे में पॉलिटिक्स शुरू कर दी. झाड़ू से कूड़ा सिकेरती प्रियंका गांधी ने सियासत की गर्द उड़ा दी. 

प्रियंका गांधी ने हिरासत में जाने के बाद झाड़ू क्यों लगाई तो इसका मतलब कुछ इस तरह से समझा जा सकता है कि प्रियंका गांधी शायद योगी की सख्त पुलिस को अपनी गांधीगीरी दिखा रही थीं. लेकिन इससे पहले जब रविवार रात प्रियंका गांधी को सीतापुर में हिरासत में लिया गया तो वो यूपी पुलिस से भिड़ गईं. प्रियंका गांधी के इसी गुस्से को देखते हुए महिला पुलिसकर्मियों को आगे किया गया, फिर भी प्रियंका गांधी का गुस्सा शांत नहीं हुआ पर वो लखीमपुर पहुंच नहीं पाईं.  

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धरने पर बैठे अखिलेश, फूंक दी गई पुलिस वैन

लखनऊ से अखिलेश यादव ने लखीमपुर जाने का ऐलान किया तो यूपी पुलिस ने वहीं उनका रास्ता रोक लिया. सुबह से ही अखिलेश के घर के बाहर ट्रक और रोड रोलर लगा दिए गए. कदम-कदम पर पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात कर दिया गया. यूपी पुलिस ने अखिलेश से बात की और कानून-व्यवस्था का हवाला दिया. लखीमपुर खीरी ना जाने की सलाह दी, लेकिन अखिलेश लखीपुर खीरी जाने पर अड़ गए और घर के बाहर ही धरने पर बैठ गए. 

अखिलेश घर के बाहर धरने पर बैठे तो माहौल और गरमा गया. वहां समाजवादी पार्टी के समर्थकों का जमावड़ा लग गया. इसी बीच किसी ने पुलिस वैन में आग लगा दी. गाड़ी फूंकी गई तो अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि ये पुलिस की साजिश है. भले ही योगी ने लखीमपुर खीरी में किसानों से समझौता करके आग ठंडी कर दी हो. लेकिन सियासत से शोले अब भी धधक रहे हैं. 

जानिए और नेताओं को कैसे कंट्रोल किया? 

- आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को सीतापुर के लहरपुर में रोका गया तो वो पुलिसवालों से उलझ गए.
- आरएलडी नेता जयंत चौधरी हापुड़ में ब्रजघाट पर पुलिसवालों को गच्चा देकर निकल गए, लेकिन लखीमपुर नहीं पहुंच सके 
- बीएसपी नेता सतीष चंद मिश्रा लखीमपुर खीरी जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया.
- भीम आदमी के चंद्रशेखर आज़ाद को पुलिस ने खैराबाद टोल प्लाजा पर रोक लिया.
- रायपुर से कांग्रेस के मुख्यमंत्री भपेश बघेल जिन्हें लखनऊ से बैरंग लौट जाना पड़ा.
- हरियाणा से दीपेंद् हुड्डा जिन्हें सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया.
- पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी लखीमपुर जाना चाहते थे, लेकिन लखनऊ एयरपोर्ट प्रशासन को आदेश दे दिया गया कि उनके विमान को लैंड ना करने दिया जाए.

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