संसद के शीतकालीन सत्र में उपराष्ट्रपति की मिमिक्री के बाद सांसदों के निलंबन का क्रम जारी है. अब लोकसभा में तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे दो और सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. जिन दो सांसदों पर गाज गिरी है उनका नाम सी थॉमस और एएम आरिफ है. इन दोनों सांसदों के निलंबन के बाद अब तक सस्पेंड हुए सांसदों की संख्या 143 हो गई है.
दरअसल, विपक्षी सांसदों ने संसद में सुरक्षा चूक को मुद्दा बनाने की कोशिश की. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सदन में बयान देने की मांग की. 14 दिसंबर को संसद की कार्यवाही शुरू हुई तो दोनों सदनों में सुरक्षा चूक का मामला गूंजने लगा. इसके बाद स्पीकर और सभापति ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने पर 14 सांसदों को सस्पेंड कर दिया. इनमें 13 लोकसभा और एक राज्यसभा सदस्य शामिल थे.
पहली बार में 14 सांसदों के निलंबन के बाद 18 दिसंबर को एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के रुख में नरमी की बजाय तीखापन देखने को मिला. हंगामा बढ़ा और विपक्ष हमलावर रहा तो एक बार फिर कार्यवाही का चाबुक चला. इस बार दोनों सदनों से सीधे 78 सांसदों का निलंबन हुआ. इसमें 33 लोकसभा और 45 राज्यसभा के सदस्य थे. विपक्ष अपनी मांग पर अडिग रहा. अगले दिन यानी 19 दिसंबर को 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया. ये सभी लोकसभा सदस्य थे. अगले ही दिन यानी 20 दिसंबर को प्लेकार्ड दिखाने और वेल में हंगामा करने पर दो और सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया और इस तरह निलंबित सांसदों की संख्या 143 हो गई.
दरअसल, संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू हुआ और 22 दिसंबर तक चलना है. इस सत्र के 19 दिनों में 15 बैठकें होना प्रस्तावित थीं. संसदीय कार्यवाही चल ही रही थी कि 13 दिसंबर को संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर एक बड़ा घटनाक्रम हुआ. दो युवक संसद की दर्शक दीर्घा से वेल में कूद गए और हंगामा-नारेबाजी करने लगे. इन युवकों ने कलर स्प्रे हवा में उड़ाया तो सांसद भी दहशत में आ गए. किसी तरह दोनों युवकों को पकड़ा गया और सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया. ठीक उसी समय संसद के बाहर भी एक युवती और एक युवक ने हंगामा-नारेबाजी और कलर स्प्रे हवा में छोड़ा. इस पूरे मामले को संसद की सुरक्षा का उल्लंघन बताया गया. पुलिस ने देश विरोधी धाराओं UAPA के तहत एक्शन लिया.