राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष ने मंथन शुरू कर दिया है. हालांकि विपक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती साझा उम्मीदवार उतारने की है. अभी तक इस रेस में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार का नाम आगे चल रहा था, लेकिन वाम दलों ने NCP चीफ के साथ बैठकर नए चेहरे का सुझाव दे दिया. शरद पवार ने वाम दलों के सुझाव की खिलाफत नहीं की है. ऐसे में सियासी गलियारों में अब इस नए चेहरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
सूत्रों के मुताबिक, वाम दलों ने मंगलवार को शरद पवार के साथ बैठक की. इस बैठक में वाम दलों की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के नाम का सुझाव दिया. बताया जा रहा है कि शरद पवार इस सुझाव के खिलाफ नहीं थे. वहीं, गोपालकृष्ण गांधी ने इस पर विचार करने के लिए समय मांगा है. उनका नाम आज की बैठकों में प्रस्तावित होने की संभावना है.
बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए बुधवार से अधिसूचना जारी हो रही है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की दिल्ली में बैठक बुलाई है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के बीच सहमति बनाने का जिम्मा दे रखा है. हालांकि राष्ट्रपति चुनाव के शह-मात के खेल में असल किंगमेकर बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस को माना जा रहा है. ऐसे में देखना है कि ममता की बैठक में कौन से दल शामिल होते हैं और कौन नहीं?
बताया जा रहा है कि ममता की बैठक में कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल होंगे. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के नेता भी इस बैठक में शिरकत करेंगे. झारखंड में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी इस बैठक में शामिल होंगे तो शिवसेना की ओर से संजय राउत शिरकत करेंगे. वहीं, एनसीपी की ओर से शरद पवार और प्रफुल पटेल बैठक में भाग लेंगे, लेकिन बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस की ओर से अभी तस्वीर साफ नहीं हो सकी है.
राष्ट्रपति चुनाव में कौन करता है वोट?
राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा के सदस्य वोट करते हैं. राज्यसभा में 233, लोकसभा में 543 और सभी राज्यों की विधानसभा में 4120 सीट हैं. कुल मिलाकर इनकी संख्या 4896 हुई. विधायक और सांसद के वोटों की वैल्यू अलग-अलग होती है. राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए मतदाताओं के वोट की कुल वैल्यू 10,86,431 है. इस तरह राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए आधे से एक वोट ज्यादा की जरूरत होगी, जिसके लिहाज से कम से कम 5,43,216 वोट चाहिए होंगे.
राष्ट्रपति चुनाव में भले ही बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का पल्ला भारी हो, लेकिन अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए अन्य दलों के सहयोग की जरूरत होगी. बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास कुल वोट का करीब 48 फीसदी वोट है. कुल वोट 10.86 लाख हैं तो उसमें बीजेपी प्लस के पास 5.26 लाख वोट हैं. बहुमत का आंकड़ा 5.43 लाख है.