वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक दिन पहले ही बजट पेश किया था. इस बजट का विरोध करते हुए सड़क से संसद तक विपक्ष आक्रामक है. विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विरोध-प्रदर्शन किया. संसद की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उच्च सदन में बजट की निंदा करते हुए कहा कि दो की थाली में पकौड़ा और बाकी की थाली खाली है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज जिस तरह से हमारी लोकसभा और राज्यसभा चल रही है, आप भी जानते हैं. मैं उस बहस में नहीं जाना चाहता. उन्होंने कहा कि कल जो बजट पेश हुआ, दो राज्यों को छोड़कर किसी को कुछ नहीं मिला. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने ओडिशा से लेकर दिल्ली तक के नाम गिनाए और कहा कि हमको तो उम्मीद थी कि सबसे ज्यादा हमें ही मिलेगा. हमको तो कुछ नहीं मिला. हम इंडिया ब्लॉक के सांसद इसकी निंदा करते हैं. यह किसी को खुश करने के लिए है.
मल्लिकार्जुन खड़गे जब बोल रहे थे, सदन में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ कहा. खड़गे ने इस पर कहा कि रुक जाइए, माताजी बोलने में एक्सपर्ट हैं. मुझे मालूम है. खड़गे के इतना कहने के बाद आसन पर मौजूद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये तो आपकी बेटी के बराबर हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके बाद बोलना जारी रखा.
विपक्ष के आरोप पर क्या बोलीं वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष के भेदभावपूर्ण बजट के आरोप पर कहा कि हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता. कैबिनेट ने महाराष्ट्र के वडावन में बंदरगाह बनाने का फैसला किया था लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया. उन्होंने सवाल किया कि क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करे?
यह भी पढ़ें: राज्यों से भेदभाव के आरोप पर संसद में क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?
वित्त मंत्री ने कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया गया है तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम बाकी राज्यों में नहीं जाते हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष की ओर से यह लोगों में इस तरह का इम्प्रेशन बनाने का प्रयास है कि हमारे राज्य को कुछ नहीं मिला है. यह अपमानजनक आरोप है.